
मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (बीटीआर) में एक 1.5 साल हाथी को एक बाघ ने मार डाला। जानकारी देते हुए, वन अधिकारी ने कहा कि ये घटना सोमवार की है। दरअसल, खराब मौसम के कारण हाथी का बच्चा झुंड से अलग हो गया था और तभी उस पर नर बाघ ने हमला कर दिया।
वन अधिकारियों को सोमवार को बीटीआर के पानीपथा कोर रेंज के एक इलाके में गश्त के दौरान हाथी के बछड़े का शव मिला। उन्होंने शव के पास बाघ के साथ आसपास के क्षेत्र में पग के निशान भी देखे। अधिकारी ने कहा कि हाथी के शरीर पर बाघ के हमले के निशान हैं। अधिकारी ने कहा, “बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में ही नहीं, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश में पहली बार किसी बाघ ने जंगली हाथी का शिकार किया है।”
“घटना के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या बाघ जंगली हाथी को मार सकता है। हां अगर हाथी पांच साल से कम उम्र का है तो उसे परिपक्व बाघ मार सकता है। इस मामले में हाथी का बच्चा डेढ़ साल का था। बाघ ने हाथी को इसलिए मारा होगा क्योंकि वह झुंड से अलग होकर अकेला था।” बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के वन्यजीव वार्डन पुष्पेंद्र द्विवेदी ने मीडिया को बताया।
द्विवेदी ने कहा कि खराब मौसम की वजह से हाथी का बच्चा झुंड से अलग हो गया। उन्होंने कहा कि एक और हाथी का बच्चा झुंड से अलग हो गया था, लेकिन उसे सुरक्षित बचा लिया गया और बाद में बाकी हाथियों के साथ फिर से मिल गया।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के छह टाइगर रिजर्व में से केवल दो रिजर्व बांधवगढ़ और संजय-डुबरी टाइगर रिजर्व में जंगली हाथी पाए जाते हैं। वन अधिकारियों के अनुसार, बांधवगढ़ 48 से अधिक जंगली हाथियों का घर है।