गहना वशिष्ठ की अग्रिम जमानत खारिज करने के बॉम्बे उच्च न्यायालय के आदेश पर उच्चतम न्यायालय ने लगाई रोक

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें पोर्न फिल्म मामले में अभिनेत्री गहना वशिष्ठ की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दी गई थी। जस्टिस संजय किशन कौल और बीआर गवई की बेंच ने आदेश दिया कि गहना वशिष्ठ को तीसरे एफआईआर में गिरफ्तार न किया जाए और जब भी आवश्यकता हो वह जांच में शामिल हों।

अश्लील फिल्म वीडियो बनाने का आरोप

बता दें उच्च न्यायालय ने 7 सितंबर को वशिष्ठ की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। पुलिस को शिकायत मिलने के बाद मामला दर्ज किया गया था, जिसमें कहा गया था कि वशिष्ठ, जो कथित तौर पर पोर्न फिल्मों की निर्देशक थी। उन्होनें महिलाओं को “अश्लील फिल्म वीडियो” में अभिनय करने के लिए धमकाया, जबरदस्ती किया और पैसे का लालच दिया। शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि उसे वशिष्ठ की फिल्मों के लिए अश्लील वीडियो में अभिनय करने के लिए मजबूर किया गया था, जिसे मोबाइल एप्लिकेशन न्यूफ्लिक्स पर अपलोड किया गया था।

वकील अजीत वाघ ने गहना का पक्ष रखा

वशिष्ठ के वकील अजीत वाघ ने तर्क दिया कि अभियोजन पक्ष ने कहा था कि उन्हें हिरासत की आवश्यकता है क्योंकि एक पोर्नोग्राफी रैकेट का पता लगाना था। अजीत वाघ ने कोर्ट से कहा, ‘पहली एफआईआर एक टिप पर आधारित थी। यास्मीन पकड़ी गई। बड़ी जांच चल रही है। पुलिस ने पाया कि याचिकाकर्ता यास्मीन का दोस्त था। गहना 133 दिनों से हिरासत में है। पहली एफआईआर में चार्जशीट दाखिल की गई है’।