
Supreme Court On Stray Dogs : दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के हमलों और रेबीज संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है. अदालत ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि आठ सप्ताह के भीतर सभी आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम्स में रखा जाए और उन्हें सड़कों पर वापस न छोड़ा जाए.
आठ हफ्तों में सभी आवारा कुत्तों को पकड़ने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने 28 जुलाई को स्वतः संज्ञान लेते हुए यह निर्देश जारी किया कि दिल्ली-एनसीआर की सड़कों, कॉलोनियों और बस्तियों से सभी आवारा कुत्तों को उठाकर डॉग शेल्टर में रखा जाए. कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि कुत्तों को स्टरलाइज करने के बाद भी उन्हें वापस नहीं छोड़ा जाएगा. एमसीडी, एनडीएमसी और दिल्ली सरकार को इसके लिए संयुक्त रूप से कार्रवाई करनी होगी.
कार्रवाई में बाधा डालने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट ने सभी संबंधित प्रशासनिक निकायों को निर्देश दिया है कि हर इलाके में डॉग शेल्टर बनाए जाएं. इसके अलावा कोर्ट ने चेतावनी दी है कि अगर कोई व्यक्ति या संगठन इस अभियान में बाधा डालता है या कार्रवाई में अड़ंगा डालता है, तो उसके खिलाफ भी कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए. अदालत ने कहा कि इस जनहित के मामले में किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता.
आदेश को पूरी तरह लागू करने का वादा
दिल्ली सरकार के पशुपालन मंत्री कपिल मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह आदेश राजधानी को रेबीज और आवारा पशुओं से मुक्त कराने की दिशा में एक बड़ा कदम है. सीएम रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार की पशुपालन विभाग की टीमें अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर आदेश का अध्ययन करेंगी और इसे समयबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा. उन्होंने आश्वासन दिया कि आवारा कुत्तों के कल्याण का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा.
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