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धरती में समा रहा जोशीमठ, 237 परिवार कैम्पों में हुए शिफ्ट, जानें

कड़ी मेहनत करने के बाद बड़ी ही मुश्किल से लोगों ने अपने रहने के लिए आशियाना बनाया, लेकिन मकानों में आ रही दरारों ने लोगों को घर से वेघर कर दिया है। आपको बता दें कि उत्तराखंड के जोशीमठ में हालात दिन-प्रतिदिन बिगड़ते ही जा रहे हैं। लोगों का जोशीमठ में रुकना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है। यहां तेजी से घरों में दरारें बढ़ती जा रही हैं। अब तक 849 घरों में दरारें आ चुकी हैं, तो वहीं 165 घर रेड जोन में हैं। यानी कि ये घर कभी भी दरक सकते हैं, इसलिए यहां रहने वाले परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में शिफ्ट किया जा रहा है।

जोशीमठ में आपदा के गहरे संकट

सूत्रों के मुताबिक अब तक 237 परिवारों के कुल 800 लोगों को सुरक्षित स्थानों में शिफ्ट किया जा चुका है। संकट से जूझ रहे परिवारों को जोशीमठ के एक प्राथमिक विद्यालय भवन, गुरुद्वारा और नगर पालिका भवन में शिफ्ट किया गया है। अब तक 396 परिवारों को ज़िला प्रशासन ने 301.77 लाख रुपये की अंतरिम सहायता राशि दे चुका है। एक अधिकारी ने कहा, करीब 284 भोजन किट, 360 कंबल, 842 लीटर दूध अन्य राहत सामग्री प्रभावितों को बांटी जा चुकी है। जोशीमठ और यहां के लोगों की सुरक्षा के लिए ज्योतिषपीठ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने नृसिंह मंदिर में 100 दिवसीय ‘महायज्ञ’ शुरू किया है।

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