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विजिलेंस मंत्री आतिशी का आरोप, मुख्य सचिव ने नहीं माना दिल्ली सरकार का आदेश

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दिल्ली सरकार में विभिन्न विभाग और NCCSA यानी नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिए सर्विसेज और विजिलेंस मंत्री आतिशी ने एक आदेश जारी किया था। जिसे मुख्य सचिव ने मानने से इंकार कर दिया। इसको लेकर आतिशी ने कहा है कि दिल्ली के मुख्य सचिव ने केजरीवाल सरकार का निर्देश मानने से इंकार किया।

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उन्होंने कहा कि अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग के NCCSA के लिए CS को एक सिस्टम बनाने के लिए आदेश दिया था था ताकि समन्वय हो सके लेकिन मुख्य सचिव ने लिखित में मंत्री के आदेश को मानने से मना कर मनमानी की है। आपको बता दें कि आतिशी ने CS को ये निर्देश दिया था कि NCCSA के अंदर कोई सर्विस/विजिलेंस संबंधी प्रस्ताव सर्विस/विजिलेंस मंत्री की मंजूरी के बाद ही लाया जाए।

विजिलेंस मंत्री आतिशी ने आज यानी गुरुवार (24 अगस्त) को प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि दिल्ली के मुख्य सचिव ने 10 पेज की चिट्ठी लिखकर चुनी हुई सरकार के आदेश को मानने से इनकार कर दिया। GNCTD Act का हवाला देते हुए उन्होंने कहा की चुनी हुई सरकार और उनके मंत्री के पास पावर नहीं है, अफसर के पास पावर है।

आतिशी ने कहा कि कल इसी तरह की चिट्ठी लिख कर शिक्षा सचिव कह सकते हैं कि हम स्कूल बनाने का आदेश नहीं मानेंगे। हेल्थ सेक्रेटरी कह सकते हैं कि हम मुफ़्त टेस्ट करवाने, मुफ़्त दवाइयां देने का आदेश नहीं मानेंगे। पावर सेक्रेट्री कह सकते हैं कि हम मुफ़्त बिजली देने का आदेश नहीं मानेंगे। उन्होंने कहा कि फ़ैसले लेने का अधिकार दिल्ली की जनता द्वारा चुनी हुई सरकार के पास है, फ़ैसले लेने का अधिकार नौकरशाही के पास नहीं है।

उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर कहा कि 16 अगस्त को मुख्य सचिव को एक महत्वपूर्ण आदेश दिया, पर मुख्य सचिव ने 10 पन्ने की चिट्ठी लिख चुनी हुई सरकार की बात मानने से साफ़ इनकार कर दिया। भाजपा के दिल्ली सर्विस एक्ट का परिणाम सामने आ रहा है। नए कानून का हवाला देकर, अगर अधिकारी आदेश नही मानेंगे तो आख़िरकार सरकार कैसे चलेगी?

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