
महाराष्ट्र के सियासत में उथल-पुथल आना कोई नई बात नहीं है। इसी बीच आपको बता दें शिवसेना के बाद एनसीपी का भी दो फाड़ हो गया है। एनसीपी और शिवसेना दोनों दलों का बगावती गुट भाजपा के साथ सरकार में है। इसी बीच एनसीपी के शरद पवार और पीएम मोदी की मुलाकात सुर्खियां बटोर रही है। दरअसल, महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित किए गए लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा किया।
आपको बता दें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी कि एनसीपी के संस्थापक शरद पवार ने मंगलवार को पुणे में एक कार्यक्रम में मंच साझा किया और हाथ मिलाया। यह सब तब हुआ जब उनके भतीजे अजित पवार के उनकी पार्टी में विभाजन का नेतृत्व किया और भाजपा-एकनाथ शिंदे- महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए। उस कार्यक्रम में पीएम मोदी और शरद पवार ने मुस्कुराहट और कुछ शब्दों का आदान-प्रदान किया। इस कौर्यक्रम में पीएम को प्रतिष्ठित लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
गौरतलब है कि सात साल में यह पहली बार है जब पीएम मोदी और शरद पवार एक साथ एक मंच पर नजर आए हैं। समारोह में भाग लेने से परहेज करने के लिए अपने सहयोगियों, कांग्रेस और शिवसेना के आह्वान के बावजूद, पवार ने कई महीने पहले पीएम मोदी को दिए गए पूर्व निमंत्रण का हवाला देते हुए अपनी उपस्थिति का बचाव किया। बता दें एनसीपी के भीतर चौंकाने वाले विभाजन और पीएम मोदी की पार्टी द्वारा उनके भतीजे के भाजपा में शामिल होने के बाद पवार और उनकी पार्टी के लिए स्थिति जटिल हो गई थी। हालाँकि, प्रधानमंत्री के साथ समारोह में शामिल होने का पवार का निर्णय 2024 में महत्वपूर्ण राष्ट्रीय चुनाव से पहले राजनीतिक गतिशीलता और गठबंधन की जटिलता को दर्शाता है।
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