
Rahul Gandhi vs BJP : राहुल गांधी ने बोस्टन में भारतीय प्रवासी समुदाय को संबोधित करते हुए आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग (EC) समझौता कर चुका है। अब इसी बयान को लेकर आज (21 अप्रैल) भाजपा ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर “भारतीय लोकतंत्र का अपमान” करने का आरोप लगाते हुए जोरदार हमला बोला।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी ने विदेशी धरती पर भारत का अपमान किया है। पात्रा ने राहुल को “गद्दार” करार देते हुए कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि जब अमेरिका के उपराष्ट्रपति भारत दौरे पर थे, उस समय राहुल अमेरिका में भारत और उसकी लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ बोल रहे थे।
भारत और लोकतंत्र के खिलाफ बोलना कांग्रेस की पुरानी आदत
पात्रा ने कहा, “उन्होंने बोस्टन के ब्राउन यूनिवर्सिटी में भाषण दिया, और यह विडंबना देखिए कि जब अमेरिका के उपराष्ट्रपति भारत में थे, तब राहुल अमेरिका जाकर भारत और लोकतंत्र के खिलाफ बोल रहे थे। यह कांग्रेस पार्टी की आदत बन चुकी है। हमने ऐसा व्यवहार पहले भी कॉमनवेल्थ घोटाले के समय देखा था।”
राहुल गांधी ने भारत का अपमान किया- पात्रा
उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी विदेशी भूमि में जाकर वही कर रहे हैं जो वे कई दशकों से करते आ रहे हैं, भारत का अपमान और यह कोई नई बात नहीं है। ED ने अपनी चार्जशीट में राहुल गांधी और सोनिया गांधी के नाम का उल्लेख किया है। देश को लूटने के लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है। इस बीच, कांग्रेस पार्टी पूरे देश में अशांत माहौल बनाने का प्रयास कर रही है। जो लोग 50,000 रुपये की जमानत पर बाहर हैं, अगर उन्हें लगता है कि वे विदेश जाकर वहां बोलकर इस महान लोकतंत्र की छवि को नष्ट कर सकते हैं तो वे पूरी तरह गलत हैं।
क्या कहा था राहुल गांधी ने?
बता दें कि रविवार को बोस्टन की ब्राउन यूनिवर्सिटी में राहुल गांधी ने कहा, ‘हमारे लिए यह बिल्कुल स्पष्ट है कि चुनाव आयोग ने समझौता कर लिया है और यह बिल्कुल स्पष्ट है कि व्यवस्था में कुछ गड़बड़ है। मैंने यह कई बार कहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र में वयस्कों की संख्या से ज्यादा लोगों ने मतदान किया। चुनाव आयोग ने हमें शाम 5:30 बजे तक मतदान का आंकड़ा दिया और शाम 5:30 बजे से 7:30 बजे के बीच 65 लाख मतदाताओं ने मतदान किया। ऐसा होना असंभव है। एक मतदाता को मतदान करने में लगभग 3 मिनट लगते हैं और अगर आप गणित करें तो इसका मतलब है कि सुबह 2 बजे तक मतदाताओं की कतारें लगी हुई थीं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जब हमने उनसे वीडियोग्राफी के लिए कहा तो उन्होंने न केवल मना कर दिया बल्कि उन्होंने कानून भी बदल दिया ताकि अब हम वीडियोग्राफी के लिए न कह सकें।’
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