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वर्ल्ड कप 2023 में क्विंटन डी कॉक ने अपनी परफॉर्मेंस से क्रिकेट प्रेमियों का जीता दिल

चोकर्स का टैग दुनिया की सबसे खराब चीज है। हमारी आपकी रोजाना की जिंदगी में भी कई मौके ऐसे आते हैं, जहां हम उम्मीद के मुताबिक डिलीवर नहीं कर पाते। जो चीज हम सबसे अच्छा करते हैं, सबसे जरूरी वक्त में हमसे नहीं होती। उस एक पल में हम अपने करीबियों की तरफ देखते हैं।

उम्मीद करते हैं, कोई तो हमारी नैया पार लगा देगा। जब ऐसा नहीं होता, तो ये आंखें दिल का हाल बयां करती हैं। दिल रोता है, लेकिन जुबान कुछ कह नहीं पाती। 30 साल की उम्र में अपना आखिरी वनडे मैच खेलकर क्विंटन डी कॉक रिटायर हो गए।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में साउथ अफ्रीका 49.4 ओवर में 212 पर सिमट गई। बदले में ऑस्ट्रेलिया ने 47.2 ओवर में 7 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया। मैच 10…रन 594…एवरेज 59.40… शतक 4…! क्विंटन डी कॉक के आंकड़े उनकी दास्तान खुद बयां कर रहे हैं।

क्विंटन डी कॉक इस वर्ल्ड कप की शुरुआत से आग उगल रहे थे। उनके लिए वर्ल्ड कप का अंत भी सुखद होना चाहिए था। पहले ओवर की आखिरी लेंथ बॉल पर विकेटकीपर को कैच देकर कप्तान टेम्बा बावुमा बगैर खाता खोले जा चुके थे। इस वजह से क्विंटन डी कॉक संभल कर खेलने लगे।

 नए बल्लेबाज रासी वान डर डसन तो बिल्कुल ही रन नहीं बना रहे थे। लगातार डॉट बॉल का प्रेशर डी कॉक के सिर चढ़कर बोल रहा था। जोस हेजलवुड के छठे ओवर की चौथी लेंथ बॉल अराउंड ऑफ थी। 13 गेंद पर 3 रन बनाकर खेल रहे डी कॉक बड़े शॉट के लिए गए। शॉर्ट में कोई टाइमिंग नहीं थी। मिड ऑन पर पीठ के बल गिर कर भी पैट कमिंस ने कैच पकड़ लिया।

कमिंस जानते थे, यह कैच नहीं मैच है। डीकॉक 14 गेंद खेलकर सिर्फ 3 रन बना सके। साउथ अफ्रीका की टीम लगातार 5वें सेमीफाइनल से बाहर हुई है। इससे पहले यह टीम 1992, 1999, 2007 और 2015 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल से हारकर बाहर हुई है।

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