Chandigarh : बच्चों को बढ़ते ऑनलाइन खतरों से बचाने और उनके डिजिटल कल्याण को सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए, पंजाब पुलिस की स्टेट साइबर क्राइम डिवीजन ने मंगलवार को “साइबर जागो” नामक एक राज्यव्यापी प्रमुख कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूल के बच्चों में इंटरनेट सुरक्षा और ऑनलाइन व्यवहार के प्रति जागरूकता फैलाना है।
पहली वर्कशॉप में 75 सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने लिया भाग
यह पहल स्पेशल डीजीपी (कम्युनिटी अफेयर्स डिवीजन) गुरप्रीत देव द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, शिक्षकों और साझेदार संगठनों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में शुरू की गई। यह कार्यक्रम एनजीओ Space2Grow और साइबर सुरक्षा फर्म्स Starlight Data Solutions तथा Cybercops Compliance Solutions के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसका लक्ष्य पूरे पंजाब में लगभग पांच लाख स्कूली बच्चों तक जागरूकता फैलाना है। पहली “ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स (ToT)” वर्कशॉप में 75 सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने भाग लिया। इस अवसर पर बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा पर एक पोस्टर और ब्रोशर भी जारी किया गया।
बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर बढ़ी चिंता
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए, स्पेशल डीजीपी साइबर क्राइम पंजाब वी. Neeraja ने बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक जिम्मेदारी की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, आज की पीढ़ी डिजिटल दुनिया में गहराई से जुड़ी हुई है। कोविड महामारी के दौरान ऑनलाइन कक्षाओं के कारण इंटरनेट और स्मार्टफोन हर घर में पहुंच गए, जिससे बच्चे अपने माता-पिता से भी ज्यादा टेक-सेवी हो गए। यह जुड़ाव जहां अवसर लाता है, वहीं यह बच्चों को गंभीर ऑनलाइन जोखिमों के संपर्क में भी लाता है।
ASER रिपोर्ट में सामने आए चिंताजनक आंकड़े
उन्होंने वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट (ASER) 2025 के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि भारत में 14-16 वर्ष की आयु के 76% बच्चे सोशल मीडिया के लिए स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं, जबकि 57% बच्चे शिक्षा के लिए उनका उपयोग करते हैं। उन्होंने कहा, डिजिटल सामग्री की व्यापक उपलब्धता ने अनुचित सामग्री और साइबर खतरों के संपर्क को भी बढ़ा दिया है।
‘साइबर जागो’ से तैयार होंगे साइबर सेफ्टी एंबेसडर
कार्यक्रम की अवधारणा समझाते हुए, स्पेशल डीजीपी ने कहा, साइबर जागो कार्यक्रम इस विचार से निकला कि अगली पीढ़ी के संरक्षक होने के नाते हमें इन खतरों को समझना और बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम उठाने चाहिए। शिक्षकों और अभिभावकों को बच्चों के साथ खुली बातचीत करनी चाहिए और ऑनलाइन खतरों पर चर्चा शुरू करनी चाहिए।
3,968 सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को मिलेगी साइबर ट्रेनिंग
उन्होंने बताया कि साइबर जागो कार्यक्रम के तहत पंजाब के 3,968 सरकारी हाई स्कूलों के शिक्षकों को ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स वर्कशॉप्स के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा। इसमें उन्हें साइबर हाइजीन, सुरक्षित ऑनलाइन व्यवहार, सोशल मीडिया पर सावधानी, डिजिटल संचार की सुरक्षा, एआई से जुड़े खतरों की पहचान, OCSEA (ऑनलाइन चाइल्ड सेक्सुअल एक्सप्लॉइटेशन एंड एब्यूज) को समझना और रिपोर्टिंग प्रक्रिया व कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी जाएगी।
इस कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित शिक्षक अपने-अपने स्कूलों में छात्रों को साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूक करेंगे, ताकि वे संभावित ऑनलाइन खतरों की पहचान कर सकें और उनका प्रभावी ढंग से सामना कर सकें।
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