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पीएम मोदी के अल-हकीम मस्जिद दौरे से विपक्ष बौखलाया, बताया 2024 का चुनावी स्टंट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका में अपनी सहजता और सरलता की छाप छोड़ने के बाद मिस्र दौरे पर राजधानी काहिरा पहुंचे और वहां ऐतिहासिक अल-हकीम मस्जिद का दौरा किया। यहां पीएम मोदी ने हेलियोपोलिस कब्रिस्तान में भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। इन सब के बीच देश में राजनीति भी चरम पर है।

विपक्षी दलों ने इसे 2024 के चुनावी स्टंट का एक रूप बताया तो कांग्रेस ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर मुसलमानों की इतनी ही चिंता थी तो यही काम देश में करना था। इसकी शुरुआत गुजरात से ही करते या फिर उत्तर प्रदेश में कर लेते। वहीं बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि पीएम मोदी की देश में सरकार आने के बाद अल्पसंख्यक के जीवन स्तर में जो परिवर्तन आया, किसी भी सरकार में नहीं हो पाया था। इसके अलग यह यात्रा एक पारस्परिक संकेत है और दोनों देशों के बीच संबंधों को गहरा करने की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालती है।

पीएम मोदी का दाऊदी बोहराओं के साथ पुराना नाता

जानकारों की मानें तो पीएम मोदी का दाऊदी बोहराओं के साथ काफी पुराना रिश्ता रहा है। इस बात का पता इससे चलता है जब पीएम मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। बात साल 2011 की है, पीएम जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने दाऊदी बोहरा समुदाय के धार्मिक प्रमुख सैयदना बुरहानुद्दीन का 100वां जन्मदिन मनाने के लिए समुदाय को आमंत्रित किया था।
इसको लेकर कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री तो सब के होते है किसी धर्म और विशेष के नही होते हैं। देश के प्रधानमंत्री को इतनी ही चिंता थी तो गुजरात से शुरुआत करते उत्तर प्रदेश से शुरुआत करते आखिर विदेश में जाकर के इस तरीके से बात क्यों करते हैं। पहले देश में जो बंटवारे की सियासत हो रही है, नफरत की सियासत हो रही है, पहले उसे देख लें।

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