
11 years of Modi govt : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के 11 साल अब पूरे हो चुके हैं. जिसको लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार की नीतियों और कार्यप्रणाली पर हमला किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र में 11 और उत्तर प्रदेश में लगभग 9 साल सरकार चलाने के बावजूद जनता को ठोस परिणाम नहीं मिले हैं.
विकास पर उठे सवाल
अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार को अब आंकड़ों के आधार पर जवाब देना चाहिए. शिक्षा, बेरोजगारी और निवेश के क्षेत्रों में वास्तविक प्रगति कहां है, इसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश से सांसद हैं, ऐसे में राज्य को विशेष प्राथमिकता मिलनी चाहिए थी, लेकिन योजनाओं को लेकर दिल्ली और लखनऊ के बीच तालमेल की कमी साफ नजर आती है.
गोद लिए गांवों की स्थिति पर सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री द्वारा गोद लिए गांवों की स्थिति पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि इन गांवों की तस्वीर नहीं बदली है, जिससे सरकार की नीयत और कामकाज पर प्रश्नचिन्ह लगता है.
सरकारी विभागों में खींचतान
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि प्रदेश में सरकारी महकमों में अंदरूनी खींचतान है. हर विभाग में असंतुलन और अफसरशाही चरम पर है. उन्होंने कहा, “क्या यह 11 साल की उपलब्धि है कि एक IAS अधिकारी को अंडरग्राउंड होना पड़ रहा है और पुलिस सड़कों पर जनता को पीट रही है?”
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बेरोजगारी और महंगाई चरम पर
अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी और महंगाई आज के वक्त की सबसे बड़ी समस्याएं हैं. झूठे मुकदमों की भरमार है साथ ही लोगों को न्याय नहीं मिल रहा. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि भाजपा को आने वाले चुनावों में 20 साल का हिसाब देना होगा. उन्होंने 2027 के बाद स्थायी सरकार और स्थायी डीजीपी की बात कहते हुए भविष्य में बदलाव का संकेत भी दिया है.
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