
Madhya Pradesh : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि उज्जैन नगरी सम्राट विक्रमादित्य के शासनकाल की नगरी है।
उज्जैन वह नगरी है जिसमें योगीराज श्रीकृष्ण ने शिक्षा ग्रहण की तो अनेक राजा महाराजाओं ने अपने न्याय प्रिय शासन से दुनिया को न्याय की ओर मोड़ा। मौजूदा दृश्य देख कर लग रहा है मानो आज सम्राट विक्रमादित्य स्वयं इस नगरी में पधारे हैं। हम सबके लिए यह सौभाग्य की बात है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में महाकाल महालोक का निर्माण हुआ महाकालेश्वर की नगरी का वैभव और बड़ा है।
बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। उनका शासन काल रामराज्य की याद दिलाता है। राज्य सरकार भी निरंतर जनता की बेहतरी के लिए कार्य कर रही है।
सदैव प्रजा की रक्षा की
विक्रमादित्य ने अपने पुरुषार्थ से अपनी प्रजा का ध्यान रखा और सदैव प्रजा की रक्षा की। विक्रम संवत का प्रवर्तन करते हुए सनातन परंपरा की पुनर्स्थापना की। सम्राट विक्रमादित्य की न्याय परंपरा का लोहा आज भी माना जाता है। उनकी न्याय प्रियता हजारों साल से जानी जाती है।
नव संवत्सर की शुभकामनाएं दीं
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने केंद्रीय मंत्री डॉ. मेघवाल से अनुरोध किया कि भविष्य में उज्जैन में न्याय से जुड़ी राष्ट्रीय संस्था सम्राट विक्रमादित्य के नाम से प्रारंभ की जाए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नव संवत्सर पर सभी लोगों के जीवन में खुशहाली की कामना की और सभी को अपनी तरफ से नव संवत्सर की शुभकामनाएं दीं।
लोकार्पण भी किया गया है
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में भी निरंतर विकास के कार्य सरकार द्वारा किए जाएंगे और इस प्रकार के आयोजन हर्षोल्लास के साथ आयोजित किए जाएंगे। उज्जैन में राजा महाराजा काल के जैसी होटल ‘सम्राट विक्रमादित्य हेरिटेज’ होटल का लोकार्पण भी किया गया है।
शुरुआत की जा रही है
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेशव्यापी जल गंगा संवर्धन अभियान की शुरुआत की जा रही है। प्रदेश के सभी जिलों में प्रभारी मंत्री, विधायक और अन्य जनप्रतिधियों की उपस्थिति में जिला स्तरीय कार्यक्रम से जल गंगा संवर्धन अभियान शुरू हो गया है । केंद्रीय मंत्री डॉ. अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य के शासन का प्रभाव अफगानिस्तान तक था।
कार्य योजना बनाई जाएगी
इस टूरिस्ट सर्किट से राजस्थान आने वाला पर्यटक मध्यप्रदेश और मध्यप्रदेश आने वाला पर्यटक राजस्थान जरूर जाएगा।उन्होंने कहा कि राजस्थान और एमपी के द्वारा भविष्य में टूरिस्ट सर्किट बनाए जाने के लिए कार्य योजना बनाई जाएगी। इस टूरिस्ट सर्किट से राजा भर्तहरि और सम्राट विक्रमादित्य के शासनकाल से जुड़ी अभिनव विरासत को देखने समझने का अवसर पर्यटकों को मिलेगा। पर्यटकों में एक नया भाव जागेगा जो दोनों प्रदेशों की विरासतों को वैश्विक ऊचाईयों तक ले जाएगा।
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