
Kerala HC: केरल सरकार ने केरल उच्च न्यायालय के समक्ष एक अपील दायर की है जिसमें उच्च न्यायालय के एकल-न्यायाधीश के हालिया आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें सरकार को अवैध पटाखों को जब्त करने के लिए सभी धार्मिक स्थानों पर छापेमारी करने का निर्देश दिया गया था। राज्य द्वारा दायर अपील में कहा गया है कि राज्य में कई धार्मिक त्योहारों के लिए आतिशबाजी आवश्यक है और यह प्राचीन काल से प्रचलित है।
Kerala HC: एकल-न्यायाधीश ने दिया था फैसला
3 नवंबर को न्यायमूर्ति अमित रावल द्वारा एक आदेश पारित किया गया था। एकल-न्यायाधीश ने यह भी कहा था कि विषम समय में धार्मिक स्थानों पर पटाखे नहीं फोड़े जाएंगे और भगवान को प्रसन्न करने के लिए पटाखे फोड़ने का किसी भी पवित्र ग्रंथ में कोई आदेश नहीं है।
प्रशासन को कोर्ट का निर्देश
कोर्ट ने कहा, “मैं कोचीन और अन्य जिलों के पुलिस आयुक्त की सहायता से डिप्टी कलेक्टर को निर्देश देता हूं कि वे सभी धार्मिक स्थानों पर छापेमारी करें और सभी धार्मिक स्थानों में अवैध रूप से संग्रहीत पटाखों को अपने कब्जे में लें और निर्देश जारी करें कि अब से कोई भी पटाखे न चलाएं। एकल-न्यायाधीश के आदेश में कहा गया है कि धार्मिक स्थानों पर विषम समय में पटाखे फोड़े जाएंगे क्योंकि प्रथम दृष्टया किसी भी पवित्र पुस्तक में भगवान को प्रसन्न करने के लिए पटाखे फोड़ने का कोई आदेश नहीं है।
राज्य सरकार ने की अपील
केरल सरकार ने अपनी अपील में कहा कि यह आदेश एक ऐसी याचिका पर पारित किया गया था जिसमें अदालत से इस तरह के निर्देश की मांग भी नहीं की गई थी। राज्य ने बताया कि एकल-न्यायाधीश का निर्देश एक सर्वव्यापी निर्देश है और किसी भी तथ्यात्मक या कानूनी परिस्थितियों के कारण इसकी आवश्यकता नहीं है।
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