
Kabir Das Jayanti 2025 : संत कबीर दास जी की जयंती आज यानी 11 जून 2025 को पूरे देश में श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई जा रही है. कबीर केवल एक कवि नहीं, बल्कि समाज की आत्मा को झकझोरने वाले युगद्रष्टा थे, जिन्होंने अपने दोहों से पाखंड, जातिवाद और धार्मिक ढकोसलों पर करारा प्रहार किया था. उनकी वाणी में वह शक्ति थी जो साधारण से दिखने वाले शब्दों में असाधारण सच्चाई को उजागर करती थी. वहीं कबीर जयंती के इस पावन अवसर पर दिल्ली सरकार के एससी/एसटी कल्याण विभाग द्वारा पहली बार दिल्ली सचिवालय में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. इस अवसर पर समाज कल्याण, एससी/एसटी कल्याण, चुनाव और सहकारिता मंत्री श्री रविन्द्र इंद्राज सिंह बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए.
अंत्योदय और सामाजिक समरसता की मिसाल
श्री रविन्द्र इंद्राज सिंह ने कहा कि संत कबीर की वाणी आज भी सामाजिक समरसता, अंत्योदय और भाईचारे की प्रेरणा देती है. उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार की कार्यशैली का मूल आधार भी अंत्योदय है, यानी समाज के सबसे अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना.
जात-पात मिटाने वाले संत कबीर आज भी प्रासंगिक
श्री रविन्द्र इन्द्राज ने अपने भाषण में कहा कि संत कबीर एक युगद्रष्टा थे जिन्होंने धर्म, जात-पात और ऊंच-नीच के भेद को नकारते हुए मानवता और कर्म को सर्वोपरि माना था. ऐसे संतों की विचारधारा को आज की पीढ़ी तक पहुंचाना सरकार का कर्तव्य है.
संगीत, कविता और संस्कृति के रंग में रंगा सचिवालय
कार्यक्रम में कबीर दास जी की शिक्षाओं को भजन, काव्य और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया. बड़ी संख्या में दिल्ली सरकार के अधिकारी, कर्मचारी और विभिन्न वर्गों के लोग कार्यक्रम में शामिल हुए. एससी/एसटी विभाग के सचिव ने बताया कि यह पहली बार है जब दिल्ली सचिवालय में कबीर जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किया गया है साथ ही यह आगे भी एक परंपरा के रूप में जारी रहेगा.
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