
फटाफट पढ़ें
* 1984 दंगा पीड़ितों को मिलेगा रोजगार
* कैबिनेट ने कई अहम फैसले मंजूर किए
* भूमि और ट्रांसफर नीति में बदलाव
* शहीदों के परिजनों को नौकरी मिली
* विकलांगों के लिए 5% भूमि आरक्षित
Haryana News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ित परिवारों के दर्द को समझते हुए उनके परिवार के किसी एक सदस्य को रोजगार- प्रदान करने का निर्णय लिया है.
इसकी घोषणा मैंने हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान 25 अगस्त 2025 को सदन में की थी. ऐसे पीड़ित परिवारों के एक सदस्य को एचकेआरएन के माध्यम से रोजगार प्रदान किया जाएगा. मंत्रिमंडल ने यह भी निर्णय लिया है कि 1984 के दंगों के दौरान जिन व्यक्तियों की मृत्यु हरियाणा के निवासी (डोमिसाइल) होते हुए राज्य से बाहर हुई थी, उनके आश्रितों को भी सरकार रोजगार प्रदान करेगी.
भूमि खरीद नीति में संशोधन को मंजूरी
उन्हें 58 वर्ष की आयु तक सेवा से नहीं हटाया जाएगा, आज हुई बैठक में मंत्रिमंडल ने इस संबंध में अपनी स्वीकृति दी. साथ ही, बैठक में आबादी देह क्षेत्रों में कब्जाधारकों को स्वामित्व अधिकार प्रदान करने के लिए स्वामित्व योजना तथा ड्रोन आधारित सर्वेक्षणों के परिणामों को कानूनी मान्यता देने का भी निर्णय लिया गया. इस संबंध में आज हुई बैठक में एक अध्यादेश को मंजूरी दी गई. साथ ही, बैठक में विकास परियोजनाओं के लिए स्वेच्छा से दी जाने वाली भूमि की खरीद नीति में संशोधन को भी मंजूरी दी गई.
इस नीति में नया प्रावधान जोड़ा गया है
इस नीति में अब एक नया प्रावधान जोड़ा गया है, इसके तहत, यदि कोई भू-मालिक स्वयं या किसी एग्रीगेटर के माध्यम से ई-भूमि पोर्टल पर अपनी सहमति अपलोड करता है और सभी निर्धारित शर्तों को पूरा करता है, तो ऐसी सहमति को वैध माना जाएगा. मौजूदा प्रावधानों के तहत, भू-मालिक या एग्रीगेटर कलेक्टर रेट के तीन गुना तक की अधिकतम सीमा तक ही प्रस्ताव दे सकता था. आज की बैठक में नई टीचर ट्रांसफर पॉलिसी-2025 को मंजूरी दी गई है, जिसके तहत पॉलिसी को सरल और अधिक पारदर्शी बनाया गया है.
नई पॉलिसी में जोनिंग व्यवस्था समाप्त
नई पॉलिसी के तहत जोनिंग की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है, जिससे शिक्षक अब किसी भी स्कूल का चयन सीधे कर सकेंगे. आज की बैठक में हरियाणा मूल के युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति देने की नीति में छूट प्रदान की गई है, ताकि वे निर्धारित तीन वर्ष की अवधि के बाद भी आवेदन कर सकें.
इस निर्णय के तहत आज दो आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति की मंजूरी प्रदान की गई है.
1- श्री समीर, पुत्र सिपाही सतीश कुमार (रक्षा सेना) — जिनकी 28 दिसंबर 2001 को ‘ऑपरेशन पराक्रम’ के दौरान कार्रवाई में मृत्यु हो गई थी.
2- श्री जंगवीर तक्षक, पुत्र सिपाही जगदीश (रक्षा सेना) — जिनकी 26 जुलाई 2000 को ‘ऑपरेशन रक्षक’ (जम्मू-कश्मीर) में कार्रवाई के दौरान मृत्यु हो गई थी.
इससे पहले भी हमारी सरकार ने 26 जून 2025 को मंत्रिमंडल की बैठक में शहीद सैनिकों के 8 आश्रितों को अनुकंपा आधार पर नियुक्ति दी थी. हरियाणा में श्रमिकों के कल्याण और औद्योगिक विकास में संतुलन स्थापित करने के लिए ‘कारखाना (संशोधन) अध्यादेश, 2025’ को भी मंजूरी दी गई.
सुरक्षा उपकरण होना अनिवार्य
इसके अनुसार अब,महिला श्रमिक भी, मशीनरी पर आवश्यक सुरक्षात्मक उपकरण उपलब्ध होने पर कार्य कर सकेंगी. संशोधन में प्रति तिमाही ओवरटाइम की सीमा 115 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे कर दी गई है. सभी ओवरटाइम कार्य स्वैच्छिक रहेंगे. सामान्य मजदूरी दर से दोगुनी दर पर मुआवजा दिया जाएगा, जिससे श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी. बैठक में ‘हरियाणा दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान (संशोधन) अध्यादेश, 2025’ को मंजूरी दी गई.
क्रिमिनल प्रावधान हटाए गए
संशोधन के तहत 20 से कम कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों/दुकानों पर ‘हरियाणा दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम’ लागू नहीं होगा. पंजीकरण, संशोधन और अन्य कार्य पूरी तरह से एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किए जाएंगे. क्रिमिनल प्रावधानों को हटा दिया गया है. सभी कर्मचारियों को पहचान पत्र (Identity Card) और नियुक्ति पत्र (Appointment Letter) दिए जाएंगे. पंजाब ग्राम शामलात भूमि नियमों में संशोधन को भी मंजूरी दी गई है.
विकलांगों के लिए पंचायत भूमि का 5% आरक्षित
अब पंचायत द्वारा खेती के लिए पट्टे पर दी जाने वाली प्रस्तावित भूमि में से 5 प्रतिशत भूमि 60 प्रतिशत से अधिक विकलांगता वाले व्यक्तियों के लिए आरक्षित की जाएगी. इसी प्रकार, पंचायत भूमि पर गौ अभयारण्य स्थापित करने के उद्देश्य से पशुपालन एवं डेयरी विभाग या हरियाणा गौ सेवा आयोग को 20 वर्ष की अवधि के लिए 5,100 रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष की दर से, निर्धारित नियमों और शर्तों के अनुसार, भूमि पट्टे पर देने का प्रावधान किया गया है.
बैठक में हरियाणा मंत्रिमंडल ने ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के तहत औद्योगिक जोन में उद्योग स्थापित करने के लिए (self-certification) के आधार पर कागजात लेने का निर्णय लिया. पारदर्शी व्यवस्था हमारी सरकार का मुख्य उद्देश्य रहा है. इससे उद्योगों को बड़ी सुविधा मिलेगी.
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