
ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे को हाईकोर्ट से हरी झंडी मिलने पर यूपी सरकार में माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि देश में लोकतंत्रात्मक शासन पद्धति चल रही है। जिसमें सबकुछ कानून से चलता है कानून देख रहा है कि किसके साक्ष्य मिल रहे हैं। इसलिए साक्ष्यों को मानना ही पड़ेगा और साक्ष्यों को ना मानने वालों को कड़ी सजा मिलेगी।
ज्ञानवापी मुद्दे को लेकर संभल जिले की चंदौसी विधानसभा सीट से भाजपा विधायक एवं यूपी सरकार में माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ‘हमारे देश में लोकतंत्र आत्मक शासन पद्धति चल रही है। जिसमे सब कुछ कानून से चलता है। कानून देख रहा है कि किसके साक्ष्य मिल रहे हैं साक्ष्यों को मानना ही पड़ेगा और न मानने वालों को कड़ी सजा मिलेगी। उन्होंने कहा कि वह स्वयं ज्ञानवापी गई है वहां सब दिख रहा है। गुलाब देवी कहा कि नंदी बीच में ही है वह कहीं नहीं जा पाए हैं। क्योंकि वहां बीच में ही दीवार खड़ी हुई है नंदी ज्ञानवापी में ही है। इसका मतलब शिवलिंग भी ज्ञानवापी में ही है सारे सबूत भी हमारे पक्ष में मिल रहे हैं और इसके बाद भी यदि कुछ लोग इस तरह की स्थिति पैदा कर रहे हैं कि वहां मस्जिद है तो यह बहुत गलत बात है। ऐसा उनको नहीं करना चाहिए उन्हें सहस्र सौंप देना चाहिए मंदिर की भूमि है और मंदिर को सौंप देना चाहिए।
ज्ञानवापी में त्रिशूल निकल रहा है और भी कई अवशेष निकल रहे हैं तो इसमें कोई संदेह वाली बात नही कि वहां मंदिर था। गुलाब देवी ने मुस्लिमों से आग्रह किया है कि वह फालतू की बातों में नहीं पड़े जो जगह जिसकी है वह उसी के लिए उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि वास्तविकता को झुठलाया नहीं जा सकता जो सबूत मिलेंगे और जो साक्ष्य मिल रहे हैं। उसके आधार पर वह निर्णय हमें मानना चाहिए सभी मुस्लिम लोग उलझन में नहीं पड़े क्योंकि यह मंदिर की जगह है और मंदिर को ही मिलनी चाहिए।
(संभल से अरून कुमार की रिपोर्ट)
ये भी पढ़ें: राहुल गांधी की सजा पर रोक के बाद अमेठी में जश्न, कांग्रेसियों ने कहा सत्य की विजय