
AAP Allege Vote Fraud : दिल्ली विधानसभा चुनाव के छह महीने बीतने के बाद आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने एक वीडियो बयान जारी करते हुए कहा कि दिल्ली की जनता यह समझ नहीं पा रही है कि जब चुनाव से पहले हर तरफ आम आदमी पार्टी की जीत तय मानी जा रही थी, तो आखिर परिणाम भाजपा के पक्ष में कैसे आया. उन्होंने कहा कि हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का मुद्दा उठाए जाने के बाद यह विषय एक बार फिर राष्ट्रीय बहस का मुद्दा बन गया है, हालांकि राहुल गांधी ने अपनी प्रेस वार्ता में दिल्ली का ज़िक्र नहीं किया.
दिसंबर-जनवरी में ही उठा था वोटर लिस्ट घोटाले का मुद्दा
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि आम आदमी पार्टी ने दिसंबर और जनवरी में ही इस मुद्दे को तथ्यों के साथ सार्वजनिक कर दिया था. उन्होंने कहा कि 29 दिसंबर 2024 को अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस वार्ता के माध्यम से यह बताया था कि नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में हजारों की संख्या में वोटर लिस्ट में बदलाव के लिए आवेदन दिए गए थे. इस दौरान बीएलओ द्वारा क्षेत्र में सर्वे कर वोटर लिस्ट तैयार की जा चुकी थी, फिर भी कुछ खास लोगों द्वारा अलग-अलग इलाकों से हजारों वोट काटने और जोड़ने की अर्जियाँ दी गईं. आंकड़ों के अनुसार 15 दिसंबर से 29 दिसंबर के बीच करीब 5000 वोट हटाने और 7500 नए वोट जोड़ने की अर्जियाँ चुनाव आयोग को सौंपी गईं. इस दौरान यह भी खुलासा हुआ कि भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा के सरकारी पते पर 33 नए वोट बनाए जाने की कोशिश की गई थी.
चुनाव आयोग बना रहा मौन दर्शक
अपने संदेश में उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली की विभिन्न विधानसभाओं में कुछ लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर फर्जी तरीके से अर्जियाँ देकर वोटर लिस्ट से वोट काटने और नए वोट जोड़ने की कोशिश की गई. शाहदरा में एक ही व्यक्ति ने भाजपा के लेटरहेड पर 11018 वोट हटाने की अर्जी दी. जनकपुरी में 24 लोगों ने मिलकर 4874 वोट हटाने की अर्जियाँ दीं और करवाल नगर में मात्र दो अर्जियों के माध्यम से 3260 वोट काटने का अनुरोध किया गया. सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह था कि नई दिल्ली क्षेत्र में 4283 वोट काटने की अर्जियाँ सिर्फ 84 लोगों द्वारा दी गई थीं. जब इन लोगों को चुनाव आयोग द्वारा जांच के लिए बुलाया गया, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने ऐसी कोई अर्जी दी ही नहीं थी. इसका मतलब है कि इनके नाम का इस्तेमाल कर फर्जीवाड़ा किया गया, जो स्पष्ट रूप से कानून का उल्लंघन है. आम आदमी पार्टी ने इस संबंध में चुनाव आयोग को लिखित शिकायत दी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.
चुनाव आयोग पर तीखी प्रतिक्रिया
सौरभ भारद्वाज ने चुनाव आयोग के रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा कि आयोग बार-बार एफिडेविट की मांग करता है, लेकिन भाजपा नेताओं द्वारा की गई शिकायतों पर कभी एफिडेविट की आवश्यकता नहीं बताई गई. उन्होंने कहा कि यदि आयोग को एफिडेविट की इतनी आवश्यकता है तो भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता और उपराज्यपाल द्वारा आम आदमी पार्टी के खिलाफ की गई शिकायतों को भी एफिडेविट के आधार पर स्वीकार करना चाहिए था. भारद्वाज ने कहा कि चुनाव आयोग का यह दोहरा रवैया उसकी निष्पक्षता पर सवाल खड़े करता है और उसे भाजपा के एक अनौपचारिक अंग के रूप में देखा जा रहा है. उन्होंने आयोग से मांग की कि वह इस पूरे मामले पर तथ्यात्मक उत्तर दे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे.
विपक्ष की एकजुटता पर भी उठाए सवाल
कांग्रेस पार्टी पर भी जमकर निशाना साधते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब जनवरी में आम आदमी पार्टी ने यह मुद्दा उठाया था, तब कांग्रेस चुनाव लड़ रही थी लेकिन उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. राहुल गांधी की ताज़ा प्रेस वार्ता में भी दिल्ली का नाम नहीं लिया गया, जबकि महाराष्ट्र, हरियाणा और कर्नाटक की चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि इससे यह आभास होता है कि कांग्रेस विपक्ष की नहीं बल्कि सिर्फ अपनी लड़ाई लड़ रही है. जब विपक्ष एकजुट होकर नहीं लड़ेगा तो लोकतंत्र की यह लड़ाई कमजोर हो जाएगी. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी राहुल गांधी की चुनाव आयोग को दी गई शिकायत का समर्थन करती है और चुनाव आयोग को इस पर उचित कार्रवाई करनी चाहिए.
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