
Delhi Blast : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने राजधानी में हुए लाल किला ब्लास्ट मामले में एक बड़ी सफलता हासिल की है। मंगलवार को NIA ने मुख्य आरोपी नासिर बिलाल को गिरफ्तार कर पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया। एजेंसी ने आरोपी की 7 दिन की कस्टडी की मांग की, ताकि उससे विस्फोट की साजिश, फंडिंग के स्रोत और अन्य सहयोगियों के बारे में गहन पूछताछ की जा सके। वहीं एनआईए की अपील को मानते हुए कोर्ट ने आरोपी बिलाल को 7 दिन की कस्टडी में भेज दिया है।
NIA की जांच में अहम कड़ी
नासिर बिलाल की गिरफ्तारी को इस सनसनीखेज मामले की जांच में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। एजेंसी का मानना है कि कस्टडी में पूछताछ से विस्फोट को अंजाम देने की योजना, विस्फोटकों की सप्लाई और मामले में शामिल अन्य संदिग्धों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ सामने आ सकती हैं।
पूछताछ में हुए बड़े खुलासे
जांच के दौरान यह भी पता चला कि दिल्ली ब्लास्ट आतंकी मॉड्यूल में शामिल लेडी आतंकी डॉ. शाहीन सईद और डॉ. मुजम्मिल शकील ने नेटवर्क के सरगना के रूप में डॉ. उमर नबी का नाम बताया था। उमर नबी ने 10 नवंबर को लाल किला के बाहर विस्फोटक से भरी कार के साथ खुद को उड़ा लिया था।
स्थानीय समर्थन से घटना को अंजाम देने का प्लान
पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि नेटवर्क ने अस्पताल के कर्मचारियों और इलाज के लिए आने वाले लोगों को शामिल करने की योजना बनाई थी। इसका मकसद यह था कि स्थानीय स्तर पर समर्थन मिलने से कार्रवाई आसानी से हो और किसी को संदेह न हो।
जांच को नई दिशा मिलने की संभावना
बता दें कि नासिर बिलाल की गिरफ्तारी से जांच को नई दिशा मिलेगी और जल्द ही इस आतंकी साजिश में शामिल अन्य चेहरों का भी पर्दाफाश हो सकता है। NIA मामले की गहन और त्वरित जांच में जुटी हुई है ताकि लाल किला ब्लास्ट के पीछे की पूरी साजिश को उजागर किया जा सके।
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