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मोदी सरकार ने लिए दो बड़े फैसले, कच्चे जूट का MSP बढ़ा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अगले 5 साल तक रहेगा जारी

Delhi : केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए कच्चे जूट पर एमएसपी में इजाफा कर दिया है। बुधवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ये जानकारी शेयर की। उन्होंने बताया कि विपणन सीजन 2025-26 के लिए कच्चे जूट के एमएसपी को बढ़ाकर 5,650 रुपये प्रति क्विंटल करने को मंजूरी दी गई है। जो पिछले एमएसपी से छह फीसदी यानी 315 रुपये अधिक है।

बुधवार (22 जनवरी) को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बैठक में लिए गए इस महत्वपूर्ण फैसले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कच्चे जूट पर नया एमएसपी इसके औसत उत्पादन लागत पर 66.8% का लाभ पहुंचाने वाला साबित होगा। मतलब सरकार के इस फैसले से जूट उत्पादकों को फायदा होने वाला है। मोदी सरकार की शुरुआत में साल 2014-15 में कच्चे जूट का एमएसपी 2,400 रुपये प्रति क्विंटल था, जो ताजा बढ़ोतरी के बाद अब 5,650 रुपये प्रति क्विंटल हो चुका है यानी इसमें दोगुने से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

आधिकारिक विज्ञप्ति में क्या गया है?

वहीं एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि विपणन सत्र 2025-26 के लिए कच्चे जूट का स्वीकृत एमएसपी, बजट 2018-19 में सरकार द्वारा घोषित अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर एमएसपी तय करने के सिद्धांत के अनुरूप है।

विज्ञप्ति में कहा गया है, भारतीय जूट निगम (जेसीआई) मूल्य समर्थन संचालन करने के लिए केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी के रूप में जारी रहेगा और ऐसे संचालन में होने वाले नुकसान, यदि कोई हो, की पूरी भरपाई केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी।

जूट से जुड़ी 40 लाख किसान परिवारों की आजीविका

गौरलतब है कि 40 लाख कृषक परिवारों की आजीविका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जूट उद्योग पर निर्भर है। जूट मिलों और जूट के व्यापार से करीब चार लाख श्रमिकों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है। गत वर्ष 1.7 लाख किसानों से जूट की खरीद की गई थी। जूट उत्पादन में 82 प्रतिशत किसान पश्चिम बंगाल से हैं, जबकि असम तथा बिहार की जूट उत्पादन में 9-9 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जारी रहेगा

पीयूष गोयल ने कहा कि दूसरा महत्वपूर्ण निर्णय राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को अगले पांच वर्षों तक जारी रखने का लिया गया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में जो ऐतिहासिक लक्ष्य हासिल किए गए हैं, 2021-22 में लगभग 12 लाख स्वास्थ्यकर्मी एनएचएम से जुड़े हैं।

साल 2025 के पहले महीने में दो बड़े फैसले लिए गए

उन्होंने कहा, साल 2025 के पहले महीने में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने एक के बाद एक कई बड़े फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा, जनवरी महीने में दो कैबिनेट मीटिंग हुई। पहली बैठक में केंद्रीय कर्मचारियों के हित में फैसला लेते हुए मोदी कैबिनेट 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी है, तो बुधवार को हुई दूसरी बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को पांच साल का विस्तार देने का निर्णय लिया है।

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