
देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही जारी है। इसी बीच, सदन में विपक्ष ने सदन में बैठे दो विधायक की सदस्यता को खत्म करने मांग की है। दरअसल, दो निर्दलीय विधायक पिछले कुछ महीने पहले भाजपा में शामिल हो गए थे। लेकिन इन विधायकों की सदस्यता रद्द ना किए जाने पर सदन के भीतर विपक्ष विधायकों ने सवाल खड़े कर दिए। शुक्रवार को विधानसभा में विपक्ष ने व्यवस्था के सवाल पर दल बदल का मुद्दा उठाया। विपक्ष के विधायक काजी निजामुद्दीन ने व्यवस्था के सवाल पर यह सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि प्रीतम सिंह पंवार और राम सिंह कैड़ा ने हाल ही भाजपा की सदस्यता ली है इन पर दलबदल कानून लागू होता है और यह सदस्य किस अधिकार से सदन में बैठे हैं।
व्यवस्था के सवाल पर विपक्ष के विधायक काजी निजामुद्दीन ने उठाया सवाल
विपक्ष ने संसदीय नियमावली का हवाला देने हुए कहा कि सदन में सांसदीय परम्परा के उलंघन का आरोप भी लगाया। विपक्ष ने कहा कि प्रीतम सिंह और राम सिंह कैड़ा की सदस्यता रद्द होनी चाहिए। आपको बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल के बाद शून्यकाल में विपक्ष के विधायक काजी निजामुद्दीन ने व्यवस्था के प्रश्न पर सदन में बैठे दो ऐसे विधायकों की सदस्यता पर सवाल उठाए जोकि अपना दल बदल कर भजापा में शामिल हो चुके हैं। काजी निजामुद्दीन ने व्यवस्था के प्रश्न पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि विधानसभा की संसदीय नियमावली के नियमों के तहत जब कोई सदस्य दल बदल करता है तो उस पर दल बदल कानून लागू होता है।
इस मामले पर पीठ पर बैठे विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह ने कि इस विषय को संज्ञान ले लिया गया है और इस विषय पर विपक्ष को कहा गया कि वह विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में आकर अलग से बात करें। इस मामले पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इस विषय पर याचिका एक उनके संज्ञान में आई है जिस पर विचार चल रहा है साथी विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि जैसे कि दोनों पक्षों से जवाब आएगा और उसके बाद नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
रिपोर्ट- अंशुमान