राजनीति

विपक्ष पर BJP नेता का बड़ा हमला, कहा- सनातन विरोध के जरिए सत्ता प्राप्ति का स्वप्न क्यों?

इस साल होने वाले अन्य राज्यों में सिलसिलेवार चुनाव के कारण 2024 के आम चुनाव तक सियासी फिजा गर्म रहेगी। लोकसभा चुनाव के साथ कम से कम तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव भी हो सकते हैं। कर्नाटक के बाद इस साल मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव होने हैं। विपक्षी नेता लगातार सत्ताधारी बीजेपी पर आरोप भ्रष्टाचार जैसे तमाम आरोप लगाते रहते हैं। अब इसी कड़ी में बता दें कि बीजेपी पार्टी के वरिष्ठ नेता आन्नद झा का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि आज जब पूरा विश्व सनातन की जय-जयकार करते नहीं थक रहा है और वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाले भारत की सनातन संस्कृति की ओर आशा भरी नजरों से देख रहा है, तब मोदी विरोध के नाम पर अपने ही देश और संस्कृति का अपमान करना विपक्षी दलों की हताशा को दिखाता है।

आन्नद झा ने कहा कि सत्तालोलुपों को लगने लगा है कि पीएम मोदी को हटाने के लिए उसने I.N.D.I.A. अलाइन्स तो बना लिया है लेकिन मोदी को हराना मुश्किल है तो अब वह धर्म और जाति की बात करने लगे हैं। धर्म और जाति के नाम पर मोहब्बत की दुकान में नफरत का सामान बेचने लगे हैं। नफरत का यह मेगा मॉल केवल सत्ता के लिए है। उनका एजेंडा बांटो और राज करो का है। उन्हें लगता है कि सनातन विरोधी बयानों से वह देश की सत्ता पर काबिज हो जाएंगे।

“बिहार से सनातन को खत्म करने की कसमें खाई”

उन्होंने INDIA पर आरोप लगाते हुए आगे कहा कि हर रैली, हर मीटिंग्स में सनातन धर्म को मिटाने और खत्म करने की कसमें खा रहे हैं। इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा कि महात्मा बुद्ध और महावीर की जिस धरती ने पूरे विश्व में ज्ञान का प्रकाश फैलाया आज उसी बिहार से सनातन को खत्म करने की कसमें खाई जा रही है। सोचिए उस प्रदेश का क्या होगा जहां एक संवैधानिक पद पर बैठे स्वयं को प्रोफेसर कहने वाले प्रदेश के शिक्षा मंत्री और आरजेडी नेता चन्द्रशेखर रामचरितमानस की तुलना पोटेशियम साइनाइड से करते हैं।

उदयनिधि स्टालिन ने नफरत की सारी सीमाओं को पार किया

आन्नद झा ने शिक्षा मंत्री को लेकर भी कहा कि जिनका काम समाज निर्माण का होना चाहिए वह रामचरितमानस के बहाने देश और समाज में नफरत बांट रहे हैं। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य एक कदम आगे बढ़ते हुए देश के करोड़ों हिन्दूओं की आस्था रामचरितमानस पर बैन लगाने की मांग करते हैं। सनातन के खिलाफ जहर बुझे बयानों के बचाव में बड़ी चालाकी से ‘जातिवाद, भेदभाव’ जैसी बुराइयों के विरोध का जुमला उछाला जाता है। तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने नफरत की सारी सीमाओं को पार करते हुए सनातन धर्म की तुलना मच्छर, डेंगू, मलेरिया और कोरोना से कर इसको खत्म करने की बात की है, सीएम के बेटे और संवैधानिक पद पर बैठे नेता का सनातन पर इस तरह का बयान हो तो दूसरे नेता कहां पीछे रहने वाले थे भ्रष्टाचार के आरोप में महीनों जेल की सजा काट चुके डीएमके के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री डी राजा ने सनातन की तुलना एचआईवी, कुष्ठ जैसी रोगों से कर दी। कांग्रेस भले ही सर्वधर्म सद्भाव की बात कर रही हो, लेकिन उनके नेता उदयनिधि के सनातन विरोधी बयानों का समर्थन कर रहे हैं। सनातन विरोधी लिस्ट में स्वयं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे का भी नाम शामिल है जो सनातन की तुलना बीमारी से करते हैं।

बीजेपी नेता आन्नद झा ने कहा कि स्वयं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जन खड़गे खुले तौर पर कह चुके हैं कि पीएम मोदी चुनाव जीत गए तो समझो फिर इस देश में सनातन धर्म और आरएसएस की सरकार आएगी। मल्लिकार्जुन खड़गे के इन बयानों से हिन्दू और सनातन धर्म के प्रति कांग्रेस की नफरत और घृणा को समझा जा सकता है।

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