
क्रिकेटर संजू सैमसन का जन्म 11 नवंबर 1994 को केरल के मुलुविला के एक ईसाई परिवार में हुआ था। संजू सैमसन बचपन से ही क्रिकेट का बल्ला साथ लेकर सोते थे। संजू सैमसन को टेनिस बॉल से ज्यादा लेदर बॉल पसंद था। वह घर के आसपास टूर्नामेंट में हिस्सा लेने लगे।
संजू का खेल देखकर परिवार को समझ आ गया था कि बेटा क्रिकेट में बहुत नाम बनाएगा। अगर भारत के लिए चुन लिया गया तो टीम को अपने दम पर कई मुकाबले जिताएगा। बचपन में क्रिकेट किट भारी होती थी तो संजू के पिता और भाई उन्हें दिल्ली के बस स्टैंड पर छोड़ने आते थे।
देखो सचिन को उसका बाप-भाई छोड़ने आया है, यह कहकर तब लोग संजू का मजाक उड़ाते थे। छोटी उम्र में तानों ने संजू का कलेजा बहुत मजबूत कर दिया। उसके अंदर क्रिकेट की दुनिया में कुछ कर दिखाने का जज्बा भर दिया।
जब एहसास हुआ कि दिल्ली में रहते हुए भारतीय टीम का सफर तय कर पाना शायद संभव ना हो पाए, तो संजू के पिता ने कॉन्स्टेबल की नौकरी छोड़ दी। पूरा परिवार सिर्फ एक संजू के क्रिकेट की खातिर केरल शिफ्ट कर गया। परिवार का त्याग और संजू का अथक परिश्रम रंग लाया।
संजू सैमसन ने केरल की अंडर-13 टीम की कप्तानी करते हुए करियर की शुरुआत की और डेब्यू मैच में शतक जड़ दिया। संजू सैमसन सिर्फ 15 साल की उम्र में केरल की रणजी टीम में चुन लिए गए। उन्होंने साउथ जोन अंडर-13 टूर्नामेंट के 4 मैच में 5 शतक बनाए। बाद में, सैमसन ने केरल की अंडर 16 और अंडर 19 टीमों की भी कप्तानी की।
2010 अंडर-16 विजय मर्चेंट ट्रॉफी दक्षिण क्षेत्र में गोवा के खिलाफ केरल के लिए खेलते हुए सैमसन ने दोहरा शतक बनाया। 2013 में 10 लाख रुपए के कॉन्ट्रैक्ट पर संजू को IPL में राजस्थान रॉयल्स ने अपना हिस्सा बनाया। संजू का दमदार प्रदर्शन ऐसा था कि अगले ही साल 4 करोड़ की भारी-भरकम राशि पर राजस्थान ने उन्हें रिटेन कर लिया।
19 साल और 58 दिन की उम्र में संजू यंगेस्ट करोडपति IPL प्लेयर बन गए। सबको लगा था कि यह प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ी जल्दी ही टीम इंडिया में अपनी जगह बनाएगा। फिर लंबे वक्त तक अपने बूते भारत को मुकाबले जिताएगा।
आखिरकार 19 जुलाई 2015 को जिम्बाब्वे के खिलाफ संजू को T-20 इंटरनेशनल में डेब्यू का मौका दिया गया। पर उसके बाद अगले 8 सालों में उन्हें केवल 24 T-20 मुकाबलों में भारतीय टीम में शामिल किया गया। इस दौरान 21 पारियों में संजू ने 133.57 की स्ट्राइक रेट से 274 रन बनाए। बेस्ट स्कोर के तौर पर उनके बल्ले से 77 रन आए। वनडे क्रिकेट की बात करें तो 23 जुलाई 2021 को श्रीलंका के खिलाफ संजू ने भारत के लिए पहला मैच खेला। यह मौका भी इसलिए मिल सका क्योंकि तब दिग्गज खिलाड़ियों को आराम दिया गया था।
श्रीलंका को कमजोर समझ कर संजू को टीम में लिया गया था। वनडे की 12 पारियों में 55.71 की औसत से संजू ने 390 रन बनाए हैं। बेस्ट स्कोर के तौर पर उनके बल्ले से 86* रन आए हैं। पर दुर्भाग्य से वह भारत के लिए केवल 13 ODI खेल पाए हैं। हर बार संजू को टीम में तभी चुना गया, जब कोई खिलाड़ी चोटिल हो या सीरीज का महत्व कम हो।
संजू भारत के लिए कभी वैसी टीम के खिलाफ नहीं खेल सके, जिसकी गेंदबाजी में दम हो। अब तो ऐसा हो गया है कि अगर वनडे वर्ल्ड कप आने वाला होता है, तो संजू T-20 खेलते हैं। जब T-20 वर्ल्ड कप आने वाला होता है, तो संजू को वनडे टीम में चुन लिया जाता है।
संजू ने अपने T-20 करियर के 256 मुकाबलों में 6190 रन बनाए हैं। इस दौरान 133.31 की स्ट्राइक रेट से खेलते हुए उसने 501 चौके और 274 छक्के उड़ाए हैं। घरेलू क्रिकेट में लगातार तूफानी प्रदर्शन करने के बावजूद टीम इंडिया की सिलेक्शन के दौरान संजू के साथ किया जा रहा भेदभाव शर्मनाक है। एक प्रतिभाशाली प्लेयर के करियर के साथ यूं खिलवाड़ होता देखना दर्दनाक है। उम्मीद है कि अब भी बीसीसीआई और चयनकर्ताओं को सच समझ आएगा। संजू सैमसन को T-20 वर्ल्ड कप, 2024 की टीम में चुना जाएगा।