
नई दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन” को बड़ी सफलता के बाद में भारत ने शनिवार को महत्वपूर्ण जीत हासिल की। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी को अपने पर्सनल इक्वेशन का इस्तेमाल करना पड़ा। खासकर यूक्रेन के मुद्दे पर एक सहमति प्राप्त करने के लिए। इस काम के लिए भारत को यूक्रेन संबंधित मुद्दे पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। शुक्रवार रात तक सदस्य देशों के बीच इस पर सहमति नहीं हो सकी थी।
सूत्रों के अनुसार 3 से 6 सितंबर को नूंह (हरियाणा) में हुई G20 शेरपा मीट में सदस्य देशों के शेरपाओं के बीच यूक्रेन युद्ध को लेकर काफी गर्मा-गर्मी हो गई थी। इसके बाद भारत के अधिकारियों ने दिल्ली आकर एक नए पैराग्राफ को तैयार किया, जिस पर सदस्य देशों की मतभेदों से समाधानित राय ली गई।
भारत ने इस पर जोर दिया कि यूक्रेन युद्ध को केवल एक मुद्दे की तरह नहीं देखना चाहिए क्योंकि इसके पीछे और भी महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, जिन पर सहमति होनी चाहिए।
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