
Bareilly News : बरेली में शुक्रवार को हुए उपद्रव की जांच के दौरान यह सामने आया है कि प्रशासन की सख्त मनााही के बावजूद भीड़ को खलील स्कूल तिराहे की ओर भेजने में सात थाना क्षेत्रों के 77 लोगों की संलिप्तता पाई गई है. जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि इनमें पांच नगर निगम पार्षद शामिल हैं, जिनमें से एक पार्षद को गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस अब बाकी चार पार्षदों समेत सभी संदिग्धों की भूमिका की छानबीन कर रही है. साक्ष्य मिलने पर इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
पांच थानों में मुकदमे दर्ज
शहर में फैले तनाव को लेकर पुलिस ने पांच थानों में दस मामले दर्ज किए हैं. पुलिस और खुफिया एजेंसी एलआईयू के इनपुट, साथ ही सर्विलांस की मदद से यह जानकारी मिली है कि कोतवाली, किला, प्रेमनगर, सीबीगंज, बारादरी, इज्जतनगर और कैंट थाना क्षेत्र के 77 लोगों के जरिए भीड़ इकट्ठा की गई थी. इनमें 55 लोगों से आईएमसी के पूर्व जिलाध्यक्ष नदीम खां ने व्हाट्सएप कॉल के जरिए संपर्क किया था. गिरफ्तार किए गए पार्षद की पहचान अनीस सकलैनी के रूप में हुई है, जबकि बाकी लोगों पर नजर रखी जा रही है. साथ ही, सभी की आपराधिक पृष्ठभूमि भी खंगाली जा रही है.
साजिश बेनकाब, 77 आरोपी चिन्हित, संपत्ति जांच जारी
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि यह पूरा मामला एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा था. शहर का माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वालों में कुछ लोग भीड़ में शामिल थे, जबकि कुछ ने पर्दे के पीछे से योजना को अंजाम दिया. अब तक 77 ऐसे लोगों को चिन्हित किया गया है, जिनके खिलाफ पुख्ता साक्ष्य जुटाकर कार्रवाई की जाएगी.
बवाल से जुड़े आरोपियों की संपत्ति की जांच भी शुरू कर दी गई है. पुलिस ने तौकीर रजा और अन्य के नाम सामने आने के बाद बीडीए, राजस्व विभाग और अन्य संबंधित सरकारी एजेंसियों को पत्र भेजकर उनके मकान, होटल, बारातघर और अन्य संपत्तियों की जानकारी मांगी है. पुलिस अधिकारियों के अनुसार अब तक 15 से अधिक ऐसी संपत्तियां सामने आ चुकी हैं, जिनकी जांच की जा रही है.
फरार आरोपियों की तलाश, अवैध कमाई की जांच
नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है. अधिकारियों का कहना है कि कई आरोपी अपनी लोकेशन बार-बार बदल रहे हैं ताकि गिरफ्तारी से बच सकें. लेकिन उनकी धरपकड़ के लिए पुलिस ने अपना मुखबिर नेटवर्क सक्रिय कर दिया है और जल्द ही ठोस परिणाम सामने आने की उम्मीद है.
इसके साथ ही पुलिस इन आरोपियों के अवैध धंधों और संपत्ति पर भी नजर रखे हुए है. जिन लोगों को जेल भेजा गया है, उनकी आमदनी के स्रोतों की जानकारी ली जा रही है. साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि कहीं उन्होंने किसी सार्वजनिक या निजी संपत्ति पर अवैध कब्जा तो नहीं कर रखा. अगर इनमें से किसी की पूर्व में भी माहौल बिगाड़ने में संलिप्तता पाई जाती है तो उन पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी और उनकी अवैध संपत्तियां कुर्क की जाएंगी.
22 मोहल्लों में सख्त निगरानी
शहर के 22 संवेदनशील मोहल्लों में एलआईयू की नजर बनी हुई है. इनमें सौदागरान, स्वालेनगर, जखीरा, सराय, आजमनगर, सैलानी, एजाजनगर गौटिया, जगतपुर, ठिरिया निजावत खां, रबड़ी टोला, सूफी टोला, रोहली टोला, चक महमूद, जोगी नवादा, कांकर टोला, शहबाद, बानखाना, गुलाबनगर, कसाई टोला, झंडा और हजियापुर जैसे इलाके शामिल हैं. पुलिस खास तौर पर उन लोगों की गतिविधियों पर नजर रख रही है जो पहले सीएए और एनआरसी विरोध प्रदर्शनों में सक्रिय रहे थे.
प्रशासन का कहना है कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है और हर संदिग्ध गतिविधि पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है.
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