Uttar Pradesh

बलरामपुर: धोखाधड़ी करके बेच डाली भाईयों की जमीन, पढ़ें पूरा मामला

जमीन को बेचने में धोखाधड़ी की घटना उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में दो व्यक्तियों के साथ घटित हुई है। कथित तौर पर एक व्यक्ति ने दूसरे व्यक्ति का कागजी रूप धरा और पीड़ितों की करोड़ों रुपए की सारी जमीन बेच डाली। मामला थाना कोतवाली नगर के अंतर्गत आने वाले कटिया से जुड़ा हुआ है। हरिराम व रामछबीले, यहां रामसमुझ के पुत्र हैं। रामसमुझ के एक और पुत्र जिसका नाम प्रदीप कुमार है। वह लगातार आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहता था, जिस कारण से परिजनों ने आगे चलकर उसे अपनी चल अचल संपत्तियों से बेदखल कर दिया था। प्रदीप कुमार ने आपराधिक षड्यंत्र रखते हुए अपने दोनों भाइयों की एनएच के किनारे पड़ने वाली खेती योग्य संक्रमणीय जमीन को धोखाधड़ी और जालसाजी के माध्यम से कुछ लोगों को बैनामा कर दी।

हरिराम ने कोतवाली नगर में एफआईआर दर्ज करवाते हुए अपने कथित भाई प्रदीप कुमार, जमीन क्रेता मोहम्मद आदिल, मोहम्मद ताहिर खान, अफसोस आलम, अब्दुल्ला वकील, गवाह शिवनाथ मौर्य व हमीदुल्लाह पर गंभीर आरोप लगाया है। एफआईआर में इन्होंने कहा है कि इनके भाई प्रदीप कुमार, इनके जमीन का कथित मालिक बनते हुए जालसाजी और धोखाधड़ी करते हुए गाटा संख्या 383 बटे 1.053 हेक्टेयर व गाटा संख्या 360 मी बटे 0.656 को 27.5.2023 को आपराधिक व कूट रचित ढंग से बैनामा कर दिया। आरोप है कि विपक्षी ने न केवल हरिराम के नाम से अपना आधार कार्ड बनवाया। बल्कि बैंक अकाउंट भी खुलवाया।

दूसरी तरफ राम छबीले पुत्र रामसमुझ की कहानी भी कुछ इसी तरह है। आरोप लगाया है कि गाटा संख्या 383 बटे 1.053 हेक्टेयर, गाटा संख्या 342मी बटे 0.174 हेक्टेयर, गाटा संख्या 360 बटे 0.656 हेक्टेयर व गाटा संख्या 414 बटे 0.239 हेक्टेयर पर पिछले कई वर्षों से खेती करता आ रहा है। यह जमीन ग्राम कटिया में स्थित है और इस जमीन को 21.4.2023 को प्रदीप कुमार ने कूट रचित ढंग से आपराधिक षड्यंत्र बनाते हुए शिव प्रसाद यादव पुत्र लल्लन प्रसाद को बेच दिया, जिसमें धीरेंद्र कुमार पांडे पुत्र बच्चा राम निवासी बिराहिमपुर थाना कोतवाली देहात व विश्वनाथ गुप्ता पुत्र रामफेर निवासी कलवारी थाना कोतवाली देहात ने जालसाजी करके कूटरचित ढंग से दस्तावेज तैयार करवाया और कथित विक्रेता से बैनामा अपने पक्ष में निष्पादित करवा लिया। राम छबीले ने आरोप लगाया है कि प्रार्थी ने जब विपक्षी गण प्रदीप कुमार, शिव प्रसाद यादव, धीरेंद्र कुमार पांडे व विश्वनाथ गुप्ता से बेनामी को निरस्त करवाने की बात कही तो विपक्षियों ने जान से मारने की धमकी तक दी और मामले से हट जाने के लिए कहा।

राम छबीले और हरिराम का आरोप है कि इनके भाई प्रदीप कुमार ने न केवल कथित तौर पर फर्जी तरीके से इनका आधार कार्ड और जमीन से संबंधित अन्य दस्तावेजों को बनाया। बल्कि प्रदीप कुमार ही राम छबीले और हरिराम बनकर बैनामा करने के लिए उप निबंधक कार्यालय में उपनिबंधक यानी रजिस्ट्रार के समक्ष प्रस्तुत भी हुआ। इसके साथ ही उसने अपने भाइयों के नाम से बैंक अकाउंट तक खुलवा डाला। अब सवाल यह उठता है की क्या रजिस्ट्रार और बैंक शाखा के प्रबंधक को प्रदीप कुमार व हरिराम और राम छबीले के बीच कोई फर्क नहीं दिखा। आधार कार्ड की फोटो तो उसने एडिट करवा कर किसी तरह बनवा ली होगी। लेकिन जमीन की रजिस्ट्री करते समय रजिस्ट्रार के सामने विक्रेता को खुद प्रस्तुत होना पड़ता है। उसका वीडियो बयान तक रिकॉर्ड किया जाता है। लेकिन पता नहीं किस वजह से इन सारे तथ्यों को रजिस्ट्रार ने नजरअंदाज किया। इसके साथ ही इस प्रकरण में तहसीलदार व अन्य लोगों की भी भूमिका इस संदिग्ध नजर आती है।

वहीं, पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है। लेकिन जांच की कार्रवाई इतनी धीमी और शिथिल है कि करीब 1 महीने पहले हरिराम ने गंभीर धाराओं में अभियोग पंजीकृत करवा दिया था, लेकिन अब तक कोई भी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका है। अपर पुलिस अधीक्षक नम्रता श्रीवास्तव ने उक्त मामले में जानकारी देते हुए बताया कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है। मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद जो भी विधिक कार्रवाई होगी। उसके तहत प्रार्थी को न्याय दिलाने का काम किया जाएगा।

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