
Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस लॉन्च किया। केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “सहकार से समृद्धि” के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए इसे सहकारिता मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण पहल बताया है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने ‘राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस 2023: एक रिपोर्ट’ भी जारी की है।
Amit Shah: 2 साल बाद मिली सफलता
आज दिल्ली में नेशनल कोऑपरेटिव डेटाबेस के लॉन्च पर सहकारिता मंत्री अमित शाह ने संबोधन भी दिया। उन्होंने कहा कि पहले सहकारित सम्मेलन में मैंने एक सुझाव रखा था, उसके बाद से 2 बार सचिव बदले और तीसरे सचिव आए। लगातार मेहनत होती रही है। देशभर के सहकारी संघो ने इस के अंडर ट्रेनिंग का काम किया। हर राज्य के RCS ने भी डिस्ट्रिक रजिस्ट्रार के माध्यम से देश को डेटाबेस को समृद्ध बनाने का काम किया। उसके लगभग 2 साल बाद हमें नेहनत की सफलता मिली है।
लंबे समय से थी सहकारिता के अलग विभाग की मांग
अमित शाह ने आगे कहा कि सहकारिता की काफी लंबे समय से अलग विभाग की मांग थी। लेकिन इसे राज्य का विषय माना जाता था। राष्ट्रीय लेवल पर सहकारिता का काम ज्वाइंट सेक्रेटरी की कुर्सी पर ही चलता था। इसकी मुख्य एक्टिविटी राज्य स्तर की थी। लेकिन समय बदलता गया, ये जरूरत महसूस की गई की एक राष्ट्रीय नीति के तहत हर राज्यों के बीच के सहकारिता आंदोलन के बीच में एक सहकारिक समन्वय स्थापित करना चाहिए। सभी को ये असंभव लगता था।
साहसिक फैसले लेना पीएम का चरित्र
उन्होंने आगे कहा कि ‘साहसिक फैसले लेना और उन्हें अंजाम तक पहुंचाना पीएम मोदी का चरित्र है। उन्होंने सहकारिता मंत्रालय बनाने का फैसला लिया। पिछले दो वर्षों में, सभी प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (PACS) कम्प्यूटरीकृत हो गई हैं और सभी राज्यों ने PACS मॉडल उपनियमों को स्वीकार कर लिया है।‘
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