कांन्स्टेबल मोहम्मद फरमान की दाढ़ी बढ़ाए रखने की याचिका को इलाहाबाद कोर्ट ने किया खारिज

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लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश पुलिस के कांन्स्टेबल मोहम्मद फरमान के द्वारा दायर एक याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उच्च अधिकारियों के निर्देश के उल्लंघन में दाढ़ी बढ़ाए रखने के लिए उनके निलंबन और विभागीय जांच को चुनौती दी गई थी।

मोहम्मद फरमान के याचिका को खारिज करते हुए पीठ ने कहा, “पुलिस बल को एक अनुशासित बल होना चाहिए और कानून लागू करने वाली एजेंसी होने के नाते, यह आवश्यक है कि ऐसे बल की धर्मनिरपेक्ष छवि हो जो राष्ट्रीय एकता के भाव को मजबूत करे।”

मोहम्मद फरमान के लिए कोर्ट में पेश होने वाले अधिवक्ता अमित बोस ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि, ‘उच्च न्यायालय ने डीजीपी के सर्कुलर को चुनौती देने वाली मेरी याचिका को खारिज कर दिया है जो समुदायों को स्थायी रूप से दाढ़ी बढ़ाने की अनुमति नहीं देता है, और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने के लिए। कोर्ट ने उन दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया है जिनमें मैंने तर्क दिया था कि आस्था, धर्म की रक्षा करने वाला अनुच्छेद 25 दाढ़ी बढ़ाने के अधिकार की भी रक्षा करता है।’