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अनिल देशमुख तीसरी बार भी प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर में नहीं हुए पेश

मुंबई। भ्रष्टाचार से जुड़े कई मामले और धन शोधन के आरोपों से घिरे महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख आज तीसरी बार भी प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर में पेश नहीं हुए। देशमुख को इससे पहले 26 जून और 29 जून को निदेशालय में पेश होना था लेकिन उनकी ओर से उनके वकील एजेंसी के सामने पेश हुए थे, जबकि एजेंसी ने उन्हें निजी तौर पर पेश होने को कहा था।

प्रवर्तन निदेशालय पहुंचे उनके वकील ने आज मीडिया के सामने कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया था। इस बीच खबर यह है कि अनिल देशमुख ने प्रवर्तन निदेशालय की ओर से संभावित दंडात्मक कार्रवाई से बचने के लिए सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है। बता दें कि देशमुख पर करोड़ों रुपए के धन शोधन का आरोप है और प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में उनके सचिव संजीव पलांडे और सहयोगी कुंदन शिंदे को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल यह दोनों आरोपी 6 जुलाई तक निदेशालय की हिरासत में हैं।

अनिल देशमुख के पेश नहीं होने से प्रवर्तन निदेशालय इन दोनों आरोपियों के साथ उनका आमना-सामना नहीं करवा पाएगी। निदेशालय ने विशेष न्यायालय को पहले ही बताया है कि इन दोनों आरोपियों ने करोड़ों रुपए के धन शोधन की बात स्वीकार कर ली है।

इधर, अपने खिलाफ दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी को लेकर देशमुख की याचिका पर बम्बई उच्च न्यायालय का फैसला अभी भी सुरक्षित है। देशमुख ने सीबीआई की एफआईआर के कुछ हिस्सों को मुंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। इसी एफआईआर की तर्ज पर प्रवर्तन निदेशालय ने देशमुख के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया था।

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