Maharashtra News : महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होते ही सरकार और विपक्ष के बीच विवाद शुरू हो गया. विपक्ष का आरोप है कि सरकार सत्र को छोटा करके विधायिक कार्यों को जल्दी निपटाने की कोशिश कर रही है.
विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा कि सरकार विधायिका का कामकाज जल्दी निपटाने की कोशिश कर रही है और महत्वपूर्ण विषयों पर पर्याप्त चर्चा नहीं होने दे रही. शिवसेना के नेता भास्कर जाधव ने भी कहा कि विपक्ष ने कामकाज सल्लागार समिति की बैठक में अपनी आपत्ति स्पष्ट रूप से जताई थी. विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि अधिवेशन की अवधि और कामकाज का स्वरूप सल्लागार समिति में सर्वसम्मति से तय होता है और अब उस पर अलग चर्चा नहीं होगी.
अगले अधिवेशन में पूरी की जाएगी
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कोरोना काल में महाराष्ट्र में सत्रों की अवधि कम रही थी, जिसे विपक्ष भी जानता है, उन्होंने बताया कि स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव और आचार संहिता के कारण इस सत्र की अवधि कम रखी गई है. सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आश्वासन दिया कि यह कमी अगले अधिवेशन में लंबा सत्र रखकर पूरी की जाएगी.
विधानसभा में 75 हजार करोड़ की पूरक मांग
बता दें कि दिन के कार्य में विधानसभा में 75 हजार करोड़ रुपये की पूरक वित्तीय मांगें पेश की गईं. इन पर आगे विस्तृत चर्चा हो सकती है. सरकार ने इन मांगों में विभिन्न विभागों की अतिरिक्त योजनाओं, राहत कार्यों, विकास परियोजनाओं और तात्कालिक जरूरतों के लिए बजट शामिल करने की संभावना जताई है.
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