Rohini Acharya Political Exit : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में करारी हार के बाद लालू प्रसाद यादव के परिवार में भूचाल सा आ गया है. चुनावी हार ने जहां RJD की सियासत हिला दी, वहीं लालू की बेटी रोहिणी आचार्य ने ऐसा फैसला लिया जिसने पूरे बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है.
रोहिणी ने अपने आधिकारिक X अकाउंट पर एक बड़ा ऐलान करते हुए लिखा –
“मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं.”
उनका यह बयान साफ दिखाता है कि राजद (RJD) के भीतर चल रही खींचतान अब खुले तौर पर सामने आ चुकी है.
संजय यादव और रमीज़ पर गंभीर आरोप
रोहिणी आचार्य ने पार्टी के रणनीतिकार और तेजस्वी यादव के बेहद करीबी संजय यादव पर भी तगड़ा हमला बोला. उन्होंने दावा किया कि उन्हें यह कदम उठाने के लिए संजय यादव और RJD नेता रमीज ने कहा.
उन्होंने लिखा –
“ये सब करने के लिए संजय यादव और रमीज़ ने मुझे कहा था… और अब मैं सारी गलती खुद पर ले रही हूं.”
उनका यह खुला बयान पार्टी की अंदरूनी राजनीति को बेनकाब करता है और यह दिखाता है कि RJD के भीतर भरोसे और नेतृत्व दोनों पर गंभीर सवाल खड़े हैं.
इतिहास की सबसे बड़ी हार
इस चुनाव में RJD को ऐसा झटका लगा जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. जहाँ पिछली बार पार्टी 75 सीटें लेकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, वहीं इस बार सिर्फ 25 सीटों पर सिमट गई. यह हार RJD की संगठनात्मक कमजोरी और परिवार के भीतर चल रहे विवादों को उजागर करती है.
लालू परिवार में बढ़ती दूरी
चुनाव नतीजों के बाद लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव भी बुरी तरह हार गए. तेजस्वी यादव अपनी सीट तो बचा पाए, लेकिन पूरे चुनाव में उनका जादू फीका दिखाई दिया.
तेज प्रताप ने भी पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा –
“RJD इस समय जयचंदों से घिरी है… दुश्मनों ने पार्टी को अंदर से खोखला कर दिया है.”
उनका यह बयान बताता है कि लालू परिवार की सियासत अब ‘इकतारी’ नहीं रही, बल्कि कई टुकड़ों में बँटती जा रही है.
RJD का भविष्य कितना सुरक्षित?
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि RJD की हार का असली कारण पारिवारिक कलह, रणनीति की कमी और मतदाताओं में बढ़ती नाराजगी है. अगर पार्टी अब भी खुद को नहीं संभालती तो आने वाले चुनावों में उसका वजूद और कमजोर हो सकता है.
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