
SC Warns TN Government : सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि की मूर्ति लगाने की योजना पर सख्त निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जनता के पैसे का उपयोग किसी भी नेता के महिमामंडन के लिए नहीं किया जाना चाहिए. सोमवार को जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने तमिलनाडु सरकार की याचिका खारिज कर दी, जिसमें सरकार ने तिरुनेलवेली जिले के वल्लीयूर में बने सार्वजनिक स्थल के पास करुणानिधि की कांस्य मूर्ति और नाम बोर्ड लगाने की अनुमति मांगी थी.
मद्रास हाईकोर्ट में अपील करने की सलाह
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सरकार को सलाह दी है कि वे इस निर्णय के खिलाफ मद्रास हाई कोर्ट में अपील करें. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि मद्रास हाई कोर्ट के पहले के आदेश को ही बरकरार रखा जाएगा, जिसमें सार्वजनिक स्थानों पर नेताओं की मूर्तियां लगाने की अनुमति नहीं दी गई थी. मद्रास हाई कोर्ट का तर्क था कि ऐसी मूर्तियां ट्रैफिक जाम और आम जनता के लिए असुविधा का कारण बनती हैं.
सरकारी खर्च पर बढ़ा विवाद
हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि संविधान के तहत नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा जरूरी है और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद राज्य सरकार इस तरह के आदेश नहीं जारी कर सकती. यह मामला तब चर्चा में आया जब तमिलनाडु में सरकारी खजाने से नेताओं के स्मारकों के निर्माण को लेकर विवाद तेज हुआ. लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या सार्वजनिक धन का उपयोग इस तरह के कार्यों के लिए उचित है. अब यह देखना बाकी है कि तमिलनाडु सरकार इस फैसले के बाद क्या कदम उठाती है.
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