
मणिपुर के चूड़ाचांदपुर (Churachandpur of Manipur) में उस समय चार लोगों की गोली लगने से मौत हो गई, जब सुरक्षा बल इलाके से मेरती लोगों को निकाल रहे थे। इस बीच इंडियन रेवेन्यू सर्विस एसोसिएशन ने कहा कि इंफाल में लेमिनथांग हाओकिप के रूप में पहचाने गए एक टैक्स असिस्टेंस की हत्या कर दी गई है। उन्होंने ट्वीट किया- कोई कारण या विचारधारा कर्तव्य पर एक निर्दोष लोक सेवक की हत्या को सही नहीं ठहरा सकती है। अधिकारियों ने कहा कि मणिपुर हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 54 हो गई है। हालांकि अनौपचारिक सूत्रों ने इस आंकड़े को कई अंकों में रखा है।
मीड़िया की रिपोर्ट के अनुसार चूड़ाचांदपुर में यह शूटिंग राज्य के बहुसंख्यक मेइती समुदाय और कुकी जनजाति के बीच भयंकर संघर्ष के दिनों के बाद हुई है, जो बुधवार को क्षेत्र में उत्पन्न हुई थी। शूटिंग तब हुई जब आदिवासियों ने कथित तौर पर क्षेत्र से मेइती को निकालने में हस्तेक्षेप करने की कोशिश की। चूड़ाचांदपुर निवासी और शोधकर्ता मुआना हंससिंह ने बताया कि कस्बे में अशांति शुक्रवार शाम करीब 7 बजे शुरू हुई।
मुआन हंससिंह ने आगे बताया कि ‘सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के कारण लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। शाम करीब 7 बजे हमें सूचना मिली कि सुरक्षाकर्मी कस्बे में फंसे मेइती लोगों को निकालने जा रहे हैं। लोग शहर की मुख्य सड़क, तिदिम रोड पर सड़क बैरिकेडिंग करने के लिए लिए एकत्र हुए। हमने महिलाओं को बैरिकेड्स के सामने खड़ा कर दिया क्योंकि हमने सोचा था कि उन पर गोली नहीं चलाई जाएगी, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने गोलियां चलाईं और चार लोगों की मौत हो गई।