फटाफट पढ़ें:
- ओडिशा में 22 नक्सली सरेंडर हुए
- नक्सलियों ने AK-47 और SLR हथियार सौंपे
- वरिष्ठ सदस्य ACM और DCM भी शामिल थे
- नई नीति ने सरेंडर में अहम भूमिका निभाई
- 2025 में नक्सलवाद पूरे देश में कमजोर पड़ा
Odisha Naxal Surrender : ओडिशा में नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता मिली है. राज्य के मल्कानगिरी क्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान 22 नक्सलियों ने सरेंडर कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया. पुलिस महानिदेशक वाई. बी. खुरानिया की उपस्थिति में नक्सलियों ने अपने पास मौजूद एके-47 राइफल, एसएलआर और अन्य घातक हथियार सौंपे.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरेंडर करने वालों में एरिया कमेटी मेंबर (ACM) और डिप्टी कमेटी मेंबर (DCM) जैसे कई वरिष्ठ पदाधिकारी भी शामिल हैं, जिन पर 5.5 लाख रुपये से 27.5 लाख रुपये तक के इनाम घोषित थे. अधिकारियों के अनुसार, राज्य सरकार की नई ‘नक्सल सरेंडर और पुनर्वास नीति’ ने इस फैसले में अहम भूमिका निभाई है. 27 नवंबर को संशोधित नीति में इनाम राशि को पड़ोसी छत्तीसगढ़ से 10% अधिक कर दिया गया है और 2014 की तुलना में 4 से 5 गुना बढ़ाया गया है.
पुनर्वास योजना में शामिल होंगे
बता दें कि यह 2025 में ओडिशा में नक्सलियों का पहला बड़ा सामूहिक आत्मसमर्पण है. मल्कानगिरी, जिसे कभी स्वाभिमान अंचल के नाम से कटऑफ क्षेत्र माना जाता था, वहीं, ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर काफी समय से नक्सल गतिविधियों का केंद्र रहा है. सरेंडर के बाद सभी नक्सली राज्य सरकार के पुनर्वास कार्यक्रम में शामिल होंगे, जिसके तहत वित्तीय सहायता, कौशल प्रशिक्षण और समाज में पुन: समावेशन की व्यवस्था की गई है.
2025 में नक्सलवाद कमजोर
राष्ट्रीय स्तर पर 2025 में नक्सलवाद काफी कमजोर हुआ है. अब तक देशभर में 1,225 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, 270 नक्सली मारे गए हैं और 680 से अधिक को गिरफ्तार किया गया है. सुरक्षा विशेषज्ञों के मुताबकि यह नक्सली विचारधारा के कमजोर होने और सरकारी पहलों पर लोगों के बढ़ते विश्वास का बड़ा संकेत है.
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