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ईरान की धमकी के बाद अमेरिका हाई अलर्ट पर, परमाणु ठिकानों पर हमले के जवाब में स्लीपर सेल्स को एक्टिव करने की दी धमकी

US Strikes on Iran Nuclear Sites : ईरान ने चेतावनी दी थी कि यदि अमेरिका उसके परमाणु ठिकानों पर हमला किया, तो वह अपने स्लीपर सेल्स को सक्रिय कर देगा. इसके बाद अमेरिका हाई अलर्ट पर है

बीते रविवार को अमेरिकी हमले से पहले ईरान ने अमेरिका को धमकी भरा मैसेज भेजा था. इस मैसेज में ईरान ने चेतावनी दी थी कि अगर उसके परमाणु ठिकानों पर हमला किया गया तो वह अमेरिका के अंदर छिपे स्लीपर सेल्स को सक्रिय कर देगा.

कनाडा में हुए G7 सम्मेलन के दौरान दी गई थी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह चेतावनी डोनाल्ड ट्रंप को पिछले सप्ताह कनाडा में हुए G7 सम्मेलन के दौरान दी गई थी. यह माना जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप ने यह मैसेज मिलने के बाद 16 जून की सुबह सम्मेलन से जल्द लौटकर इजराइल-ईरान युद्ध की स्थिति में अपने सैन्य विकल्पों पर विचार-विमर्श किया.

सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता

ईरान की धमकी के बाद अमेरिका का प्रशासन और कई बड़े शहरों की सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं. न्यूयॉर्क, वॉशिंगटन डीसी, लॉस एंजेलेस और शिकागो जैसे शहरों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. इन शहरों में आतंकी गतिविधियों की आशंका जताई जा रही है. वहीं एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर ईरान ने सच में अमेरिका के अंदर स्लीपर सेल नेटवर्क को एक्टिव किया तो यह सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है.

पाकिस्तान और ओमान जैसे देशों ने चिंता और असहमति जताई

अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हवाई हमले को लेकर पाकिस्तान और ओमान जैसे देशों ने चिंता और असहमति जताई है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ईरान पर अमेरिकी हमलों की निंदा की है. शहबाज शरीफ ने एक आधिकारिक बयान में कहा मैं ईरान पर हुए हमले की कड़े शब्दो में निंदा करता हूं. इस हमले में जिन लोगों की जान गई, उनके लिए मैं ईरानी जनता के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. ये हमला बेहद गैरजिम्मेदाराना और चिंताजनक है.

ओमान भी अमेरिका की कार्रवाई से नाराज

वहीं इस्लामी देशों के शांतिपूर्ण रिश्तों में अहम भूमिका निभाने वाला ओमान भी अमेरिका की कार्रवाई से नाराज है. ओमान के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा यह हमला एक अवैध कदम है, जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों का खुला उल्लंघन है. ओमान हमेशा क्षेत्र में शांति, स्थिरता और बातचीत के पक्ष में खड़ा रहा है. ओमान ने यह भी याद दिलाया कि वह लंबे समय से ईरान और पश्चिमी देशों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाता आया है और यह प्रतिक्रिया भी इसी जिम्मेदारी के अनुरूप है.

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