Bengal: विवाद के बीच राज्यपाल ने की एक और कार्यवाहक वीसी की नियुक्ति, CM ने दी थी ‘जैसे को तैसा’ की धमकी
बंगाल में गवर्नर व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तकरार के बीच एक और यूनिवर्सिटी के कार्यवाहक कुलपति की नियुक्ति कर दी गई है। ये नियुक्ति पश्चिम बंगाल के गवर्नर सी वी आनंद बोस ने की है। राजभवन ने एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है। बता दें कि इससे पहले भी गवर्नर सी वी आनंद बोस ने कई विश्वविद्यालयों में कार्यवाहक कुलपति की नियुक्ति की है। जिसे लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आगबबूला हो उठीं हैं। जानकारी के मुताबिक, कई महीनों से इन यूनिवर्सिटीज में नेतृत्व की कमी थी। राज्यपाल बोस ने बीते मंगलवार की रात नव स्थापित कन्याश्री विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति के रूप में प्रोफेसर काजल डे के नाम की घोषणा की।
कौन हैं कार्यवाहक कुलपति?
राजभवन ने जारी बयान में कहा गया, “माननीय कुलाधिपति ने आज प्रो.काजल डे को कन्याश्री विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल का कुलपति (कार्यवाहक) नियुक्त किया है।’’ जानकारी दे दें कि काजल डे, बोस द्वारा नियुक्त किए जाने के पहले डायमंड हार्बर वुमन यूनिवर्सिटी की अंतरिम कुलपति थीं। वह नेताजी सुभाष ओपन यूनिवर्सिटी में मैथ की प्रोफेसर थीं। उनकी ये घोषणा टीचर्स डे के एक प्रोग्राम के दौरान सीएम ममता के उन पर तीखे हमले किए जाने के कुछ ही घंटों बाद आई है। बता दें कि उस कार्यक्रम में सीएम ने गवर्नर पर राज्य के एजुकेशन सिस्टम में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाते हुए धमकी दी थी कि अगर राज्यपाल ऐसे ही काम करते रहे तो वह राजभवन के बाहर धरना देंगी।
CM ने लगाया था आरोप
बता दें कि रविवार रात राज्यपाल बोस ने प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी, एमएकेएयूटी और बर्दवान यूनिवर्सिटी सहित 7 यूनिवर्सिटीज के कार्यवाहक कुलपतियों की नियुक्ति की। इस मामले को लेकर बोस पर हमला करते हुए ममता बनर्जी ने मंगलवार को कार्यक्रम में आरोप लगाते हुए कहा था कि राज्य द्वारा नियुक्त सर्च कमेटी की अनदेखी करके राज्यपाल अपनी इच्छानुसार अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि कुलपतियों को 5 सदस्यीय सर्च कमेटी द्वारा सुझाए गए नामों में से चुना जाना चाहिए।
ममता ने दी थी गवर्नर को धमकी
बनर्जी ने आरोप लगाया कि बोस कमेटी के सुझावों की परवाह किए बिना अपनी मर्जी से लोगों की नियुक्त कर रहे हैं। सीएम ने ‘‘जैसे को तैसा’’ के रूप में कार्रवाई का वादा कर राज्यपाल के निर्देशों का पालन करने वाले सभी यूनिवर्सिटीज के फंड रोकने की धमकी दी। उन्होंने कहा था, ‘‘मैं भी देखती हूं कि आप (राज्यपाल) इन कुलपतियों को सैलरी कैसे देते हैं।’
ये भी पढ़ें:Mamata Banerjee के कैबिनेट में फेरबदल की अटकलें, इन मंत्रियों के बदले जा सकते हैं विभाग