
नई दिल्ली: नई दिल्ली: आज यानि रविवार को तुलसी विवाह है और हिंदू धर्म में तुलसी विवाह का बहुत अधिक महत्व होता है। कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु के शालीग्राम अवतार और माता तुलसी का विवाह कराने की परंपरा है। इसी एकादशी को देवउठनी एकादशी या देवोत्थान एकादशी भी कहते हैं।

जानें शुभ मुहूर्त और पूजा-विधि…
एकादशी तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 14, 2021 को 05:48 ए एम बजे
एकादशी तिथि समाप्त – नवम्बर 15, 2021 को 06:39 ए एम बजे
पारण (व्रत तोड़ने का) समय – 15 नवंबर, 01:10 पी एम से 03:19 पी एम
पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय – 01:00 पी एम
तुलसी जी का कार्तिक माह में पूजन करना विशेष रूप से फलदायी
साथ ही घर में तुलसी का पौधा होना बहुत शुभ माना जाता है। यहां तक कि भगवान विष्णु के पूजन में तुलसी दल न चढ़ाने से उनका पूजन पूरा नहीं होता है। तुलसी जी का कार्तिक माह में पूजन करना विशेष रूप से फलदायी माना गया है।
एकादशी व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करें और व्रत संकल्प लें।
-इसके बाद भगवान विष्णु की अराधना करें।
-अब भगवान विष्णु के सामने दीप-धूप जलाएं। फिर उन्हें फल, फूल और भोग अर्पित करें।