
ममता कैबिनेट में बुधवार को फेरबदल होने वाला है। बीते सोमवार को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया था। आपकों बता दें की पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद से कैबिनेट में 5 जगह खाली थी। क्योंकि ममता अकेले सारें पदों को नहीं संभाल सकती इसलिए कैबिनेट में नए चेहरों को शामिल करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में 7 नए जिले बनाने का भी ऐलान किया था, जिसके बाद अब राज्य में कुल 30 जिले हो जाएंगे।
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सूत्रों के अनुसार यह भी जानकारी निकलकर सामने आ रही थी कि ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस में कामराज प्लान लागू कर सकती हैं। बता दें की, ये प्लान 1963 में नेहरू सरकार के वक्त कांग्रेस ने इसे लागू किया था।
क्या है कामराज प्लान?
अगर कामराज प्लान की सीधे शब्दों में बात करें तो इस प्लान के तहत जो भी मंत्री पार्टी से हटाए जाते हैं या किसी कारण से अगर कोई मंत्री अपने पद से इस्तीफा देता है। तो उसे बाद में पार्टी के कार्य में लगाया जाता है। 1963 में चीन से युद्ध में हार के बाद नेहरू कैबिनेट ने इस फॉर्मूले को समझाया था। इस फॉर्मूले के बाद से कैबिनेट के लगभग सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था।
गौरतलब है की ममता ने पिछले 4 दिन में दूसरी बार कैबिनेट बैठक बुलाई है। इसी के साथ 28 जुलाई को कैबिनेट मीटिंग के बाद ममता ने शिक्षक भर्ती घोटाले में आरोपी पार्थ चटर्जी को हटाने की घोषणा की थी।
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