नगरीय निकाय चुनाव में 24 साल बाद कांग्रेस ने रचा इतिहास, वहीं भाजपा की बागी विधायिका ने मैदान किया फतह
मध्यप्रदेश के नगरीय निकाय चुनावों के दूसरे चरण के पांच नगर निगम चुनावों के चुनाव नतीजों के परिणाम आ गए है। अभी तक की मिली जानकारी के मुताबिक दो-दो महापौर भाजपा और कांग्रेस के बने हैं। वहीं, कटनी में भाजपा की बागी प्रत्याशी ने जीत हासिल की। अगर इन सब को मिलाकर देखें तो 16 नगर निगमों में से नौ पर भाजपा का कब्जा रहा है। साथ ही पांच पर कांग्रेस ने जीत की हुंकार भरी है। वहीं आम आदमी पार्टी और निर्दलीय प्रत्याशी ने भी एक-एक नगर निगम में महापौर बनने में कामयाबी पाई है।
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24 साल बाद कांग्रेस ने रचा इतिहास
मध्य प्रदेश के निकाय चुनाव के नतीजों ने सभी को हैरान कर दिया है। रीवा में 24 साल बाद कांग्रेस का महापौर बना है। अजय मिश्रा बाबा रीवा महापौर ने चुनाव में जीत हासिल की है। आपको बता दें कि रीवा में 1995 में पहली बार नगर निगम के चुनाव हुए थे। तब पार्षदों ने कांग्रेस के अमीरुल्ला खान को पहला महापौर चुना। वे 1997 तक इस कुर्सी पर रहे थे।
इसके बाद कांग्रेस की सावित्री पांडेय कुछ समय के लिए और फिर कमलजीत सिंह डंग शासन से मनोनीत महापौर रहे। 1998 में भाजपा के राजेंद्र ताम्रकार को पहली बार जनता ने सीधे महापौर चुना। उनके बाद 1999 में आशा सिंह, 2005 में वीरेंद्र गुप्ता, 2010 में शिवेंद्र सिंह पटेल और 2015 में ममता गुप्ता ने महापौर का चुनाव जीता था। यानी मतलब साफ है कि 1998 से जनता हर बार भाजपा को मौका देती थी, लेकिन इस बार तकदीर और तस्वीर बदलती दिखाई दी है।
बागी विधायिका ने मारी बाजी
अभी तक की मिली खबरों के लिहाज से कटनी में भाजपा की बागी प्रत्याशी प्रीति सूरी को 45 हजार 648 वोट मिले, जबकि भाजपा की ज्योति दीक्षित को 40 हजार 361 वोट। इस तरह से प्रीति सूरी ने 5,300 से जीत का मैदान फतह कर लिया है। आपको बता दें कि कांग्रेस की श्रेया खंडेलवाल 22 हजार वोटों के साथ तीसरे और आप की शशिप्रभा तिवारी 2,600 वोट के साथ चौथे स्थान पर रहीं।
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रिपोर्ट: निशांत