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छिंदवाड़ा मॉडल को मिली चुनावी धार, BJP करेगी कमलनाथ के गण का प्रचार

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मध्य प्रदेश में चुनावी बयार तेजी से बह रही है। बीजेपी और कांग्रेस की तरफ से वोटरों को साधने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है। एक तरफ शिवराज सरकार लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओं के अकाउंट में सीधे पैसे ट्रांसफर कर रही है। तो वहीं कांग्रेस ने भी चुनावी वादों की झड़ी लगा दी है। मध्य प्रदेश के चुनावी संग्राम में सबसे हॉट सीट पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का गण छिंदवाड़ा है। इस सीट पर दोनों ही पार्टियां हिंदुत्व का कार्ड तो खेल ही रही थीं कि अब छिंदवाड़ा में विकास के मॉडल पर भी सियासी खेल खेला जा रहा है। दरअसल छिंदवाड़ा का विकास मॉडल भी बहस का मुद्दा बन गया है। क्योंकि कमलनाथ का छिंदवाड़ा मॉडल अब मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार का हो गया है। सरकार ने छिंदवाड़ा मॉडल पर एक फिल्म तैयार करवाई है। छिंदवाड़ा विकास की पहचान नाम से बनी इस फिल्म में छिंदवाड़ा की विकास गाथा दिखाई गई है। शिवराज सरकार छिंदवाड़ा के विकास मॉडल को किस तरह से भुनाने की कोशिश कर रही है।

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मध्य प्रदेश में इस साल के आखिर में विधानसभा का चुनाव होना है। चुनाव सर पर दिखा नहीं कि राजनीतिक दलों के बीच विकास कार्यों का श्रेय लेने की होड़ सी मच गई है। अपने-अपने मॉडल तैयार करके सभी पार्टियां चुनावी प्रचार में बखान करती हैं। ऐसा ही कुछ छिंदवाड़ा में हो रहा है। जिसका गुणगान कभी कमलनाथ ने 2018 के चुनाव में किया था लेकिन अब तस्वीर बदलती नजर आ रही है। शायद तस्वीर बदलने से काम नहीं चल रहा है इसलिए पूरी मूवी ही बना डाली है.. दरअसल 2023 के चुनाव में इस मॉडल का लाभ भाजपा लेना चाहती है। बता दें कि शिवराज सरकार ने छिंदवाड़ा मॉडल पर करीब 16 मिनट की एक फिल्म तैयार करवाई है। इसमें अब तक के सभी मुख्य विकास कार्यों का जिक्र किया गया । इन सभी कार्यों का श्रेय शिवराज सरकार ने खुद को और केंद्र की मोदी सरकार को दिया है। ऐसा बताया जा रहा है कि भाजपा चुनावी प्रचार में छिंदवाड़ा के विकास मॉडल पर बनाई गई मूवी को दिखाएगी। बीजेपी तो छिंदवाड़ा के विकास मॉडल की बात कर रही है लेकिन कांग्रेस कह रही है कि भाजपा झूठा प्रचार करके केवल मात्र क्रेडिट ले रही है। कांग्रेस कह रही है कि सड़क, बिजली, पानी, रेल, उद्योग, कृषि, स्किल डेवलपमेंट हर क्षेत्र में छिंदवाड़ा परिपूर्ण है। कमलनाथ यहां से 9 बार सांसद चुने गए हैं। केंद्रीय मंत्री बने हैं। 15 महीने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी भी संभाली। इसलिए छिंदवाड़ा में हुए विकास कार्यों का सेहरा अब तक कमलनाथ अपने माथे पर बांधते आए हैं।

चुनाव से पहले बीजेपी और कांग्रेस अपने खेमे को मजबूत करने के लिए सारे दांव पेच खेल रही हैं। छिंदवाड़ा का चुनाव इस बार बेहद रोचक होने वाला है। भाजपा इस सीट को बहुत गंभीरता से ले रही है। भाजपा कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि देश के गृहमंत्री अमित शाह खुद यहां का दौरा कर चुके हैं। वहीं कमलनाथ पहले से ही अपनी जीत के प्रति कॉन्फिडेंट नजर आ रहे हैं। फिलहाल छिंदवाड़ा का विकास मॉडल एक बार फिर चर्चाओं में आ गया है। हालांकि यह विधानसभा चुनाव का परिणाम ही बताएगा कि जनता को किस का मॉडल पसंद आया।

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