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राम मंदिर को लेना चाहते थे निशाने पर, बड़े हमले की फिराक में थे आतंकी

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गुजरात के गांधी नगर में 2002 के अक्षरधाम मंदिर हमले के मास्टरमाइंड फरहतुल्ला गौरी और उसके दामाद शाहिद फैसल को आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए स्पेशल सेल में तीन आतंकवादियों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था। दोनों व्यक्ति पाकिस्तान में छुपे हुए हैं और आईएसआई के लिए काम कर रहे हैं।

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कई जगहों पर बम हमले की थी योजना

आईएसआई की ओर से भारत में आतंकी नेटवर्क बनाने के लिए युवाओं की भर्ती करने के अलावा बम बनाने वालों और उसे ब्लास्ट करने वालों को भी प्रशिक्षित किया जाता है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली सहित 20 से अधिक स्थानों पर बम विस्फोट की योजना बनाई गई थी।

अन्य संदिग्धों की भी जांच जारी

आतंकियों को पकड़ने के लिए स्पेशल टीम ने दिल्ली, देहरादून, अलीगढ़, लखनऊ, मुरादाबाद, प्रयागराज और हजारीबाग में छापेमारी की। पुलिस ने इस नेटवर्क से जुड़े अन्य संदिग्धों को भी गिरफ्तार किया है और फिलहाल उनसे पूछताछ कर रही है। उनकी भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं।

पाकिस्तान में इंटरनेट कॉल पर बातचीत

पुलिस को जानकारी मिली है कि उन्हें विस्फोट से जुड़े कुछ काम भी सौंपे गए थे। हालांकि, इस मिशन की सटीक प्रकृति की अभी जांच चल रही है। इन्हें कब और किसके द्वारा जोड़ा गया? पुलिस इसकी पूरी चेन की जांच कर रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शाहनवाज पाकिस्तान में अपने संपर्कों से इंटरनेट कॉल और चैट ऐप्स के जरिए बातचीत करता था, लेकिन अपने कई करीबी दोस्तों से सीधे मोबाइल फोन पर बात करता था।

उसके सेल फोन के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की जांच से ऐसे ही कई संदिग्ध नंबरों का पता चला। पुलिस इन लोगों की भूमिका की भी जांच कर रही है। पुलिस ने इनमें से कुछ लोगों को जांच में शामिल होने के लिए भी कहा।

अयोध्या राम मंदिर को भी निशाना बनाया गया

पूछताछ के दौरान आतंकियों ने खुलासा किया कि उनके निशाने पर अयोध्या में राम मंदिर, मुंबई में चबाड हाउस और कई अन्य जगहें थीं। चबाड हाउस को 26 सितंबर को मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों की क्रूरता का सामना करना पड़ा। बताया जा रहा है कि आतंकियों ने 26 नवंबर को हुए हमले से भी बड़े हमले की योजना बनाई थी।

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