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विराट कोहली को सेल्फिश कहा जाना किस हद तक जायज़ है?

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भारत के मशहूर हिंदी अखबार में खबर छपी है कि विराट कोहली सिर्फ शतक के लिए खेलते हैं। उसी अखबार ने लिखा है कि रोहित शर्मा शतक की बजाय बड़े शॉट्स खेलने को प्राथमिकता देते हैं। एनालिसिस से ऐसा लग रहा है मानो विराट कोहली पर्सनल माइलस्टोन के लिए खेलते हैं और रोहित शर्मा देश की जीत के लिए!

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कोहली के खिलाफ अनाप-शनाप लिखे

जबकि हकीकत यह है कि दोनों ही खिलाड़ी भारत को जिताने के लिए बल्लेबाजी करते हैं। यह विश्लेषण उस समय किया गया है, जब भारत 6 मैच जीतकर पॉइंट्स टेबल में पहले स्थान पर है। इस खबर के आने के बाद से क्रिकेट जगत में खलबली मची हुई है। आलोचक सोशल मीडिया पर विराट कोहली के खिलाफ अनाप-शनाप लिख रहे हैं।

अखबार ने लिखा है कि विराट कोहली ने शतक लगाने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाई है, जबकि रोहित शर्मा को बड़े शॉट खेलना पसंद है। इस खबर के जरिए ऐसा लगता है कि विराट कोहली और रोहित शर्मा के बीच दरार पैदा करने की कोशिश हो रही है। अखबार ने लिखा है कि जब विराट कोहली पुणे में बांग्लादेश के खिलाफ खेल रहे थे, तब भारत को जीत के लिए और विराट को शतक के लिए 26 रन की दरकार थी।

शतक के लिए स्वार्थी

विराट ने यहां पर अपने शतक को प्राथमिकता दी। यानी अखबार के मुताबिक विराट कोहली अपने शतक के लिए स्वार्थी हो गए। हम सबसे पहले इस सवाल का जवाब देने का प्रयास करते हैं। केएल राहुल ने मैच के बाद बयान दिया था कि विराट कोहली शतक से ज्यादा टीम की जीत को लेकर फिक्रमंद थे। विराट कोहली ने केएल राहुल से कहा था कि अगर हम सिंगल नहीं लेंगे, तो गलत संदेश जाएगा।

मैं सिंगल देता हूं और तुम स्ट्राइक पर आओ। वरना आलोचक कहेंगे कि हम पर्सनल माइलस्टोन के लिए खेल रहे हैं। इसके जवाब में केएल राहुल ने कहा था कि हम आसानी से यह मैच जीत रहे हैं। ऐसे में आपको शतक के लिए जाना चाहिए।केएल राहुल के कहने पर विराट ने बाकी बचे 26 रन अकेले बनाए थे और सेंचुरी पूरी की थी। भारत ने बांग्लादेश को 51 गेंद बाकी रहते हरा दिया था। इस अखबार ने विराट पर आरोप लगाने के दौरान केएल राहुल के बयान का कहीं जिक्र नहीं किया है।

विराट कोहली को सेल्फिश कहा जाना किस हद तक जायज

 अगर आपका साथी खिलाड़ी चाहता है कि आप शतक पूरा करें, तो फिर इसके लिए विराट कोहली को सेल्फिश कहा जाना किस हद तक जायज है? वैसे भी विराट कोहली ने डीप मिडविकेट की दिशा में छक्का जड़कर शतक पूरा किया था। वह कोई धीमी बल्लेबाजी नहीं कर रहे थे। अखबार ने इस पारी को टुकटुक कहा है। अब आते हैं रोहित शर्मा और विराट कोहली के कंपैरिजन पर।

रोहित शर्मा ने वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले बयान दिया था कि मैंने अपने खेल को बदला है। मैं अब ज्यादा रिस्क लेकर बल्लेबाजी कर रहा हूं। हाई रिस्क ऑक्टेन शॉट्स खेलने की वजह से मैं लंबी पारी नहीं खेल पा रहा। विश्व कप में मेरी कोशिश रहेगी कि ज्यादा देर तक मैदान पर रहूं और टीम को अच्छी शुरुआत दे सकूं।

भारत लक्ष्य का पीछा कैसे करेगा

इस बयान से स्पष्ट होता है कि रोहित शर्मा ने टीम मैनेजमेंट के साथ मिलकर आक्रामक बल्लेबाजी की रणनीति अपनाई है। रोहित शर्मा भारत को ताबड़तोड़ शुरुआत देते हैं, जिस वजह से विराट कोहली और दूसरे बल्लेबाज आसानी से टारगेट का पीछा कर पाते हैं। अब जरा सोच कर देखिए, अगर रोहित शर्मा के आउट होते ही विराट कोहली भी बड़ा शॉट खेलते हुए आउट हो जाएं तो फिर भारत लक्ष्य का पीछा कैसे करेगा?

वर्ल्ड कप में एक प्लान

 रोहित और विराट ने मिलकर वर्ल्ड कप में एक प्लान बनाया है। इसके तहत एक बल्लेबाज पावरप्ले में विपक्षी गेंदबाजों को मारकर उनके हौसले तोड़ता है और दूसरा बल्लेबाज मैदान पर डटकर मैच फिनिश करता है। इस मामले में कोई स्वार्थी नहीं है। दोनों का मकसद भारत की जीत है। अखबार ने लिखा है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ विराट जब 95 पर बल्लेबाजी कर रहे थे, तब उन्होंने धीमी पारी की आलोचना के डर से छक्का जड़ने का प्रयास किया और आउट हो गए।

अखबार ने यह नहीं लिखा कि विराट के आउट होने से सबसे ज्यादा दुखी रोहित शर्मा थे। टीवी पर उनका चेहरा बता रहा था कि वह उम्मीद कर रहे थे विराट ग्राउंडेड शॉट खेलकर सेंचुरी पूरी करें। रोहित शर्मा और विराट कोहली हमेशा एक-दूसरे की खुशी में खुश हुए हैं।

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