
Punjab : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने राज्य के युवाओं को सरकारी नौकरियां प्रदान करने की अपनी पहल को जारी रखते हुए आज तक कुल 54,422 युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपने की प्रक्रिया पूरी की।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह आज यहां 281 नव-चयनित युवाओं को नौकरी पत्र वितरित करने के लिए खड़े हैं, जो निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से नौकरियां प्रदान करने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
नियुक्ति पत्र वितरित करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए सीएम भगवंत सिंह मान ने कहा कि पिछली सरकारों की भ्रष्ट और प्रतिगामी नीतियों ने राज्य के युवाओं का भविष्य खतरे में डाल दिया था। उन्होंने कहा कि कई युवाओं को नौकरियां देर से मिलीं क्योंकि पिछली सरकारों ने रोजगार देने में कोई रुचि नहीं दिखाई, जिससे पंजाब के लोगों के साथ विश्वासघात हुआ। भगवंत सिंह मान ने आगे कहा कि भले ही इन राजनीतिक नेताओं के अपने परिवार अच्छे ढंग से जीवन यापन कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने आम युवाओं के करियर को नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
नौकरी का आखिरी मौका नहीं
मुख्यमंत्री ने बताया कि इसके विपरीत वर्तमान राज्य सरकार ने 1 अप्रैल, 2022 से विभिन्न विभागों में 54,141 उम्मीदवारों की भर्ती की है। उन्होंने कहा कि वर्तमान बैच के साथ यह आंकड़ा अब 54,422 तक पहुंच गया है। साल के सबसे लंबे दिन के रूप में आज के दिन के महत्व के कारण और नव-नियुक्त उम्मीदवारों के लिए इसे एक ऐतिहासिक दिन बताते हुए भगवंत सिंह मान ने जोर देकर कहा कि उम्मीदवारों ने ये नौकरियां कड़ी मेहनत से हासिल की हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह उम्मीदवारों के लिए नौकरी का आखिरी मौका नहीं है क्योंकि सरकार और भी कई सरकारी नौकरियों की पेशकश करने की तैयारी कर रही है।
भगवंत सिंह मान ने पारंपरिक राजनीतिक नेताओं पर निजी लाभ के लिए सांठगांठ करने और सार्वजनिक रूप से एक-दूसरे का विरोध करने का दिखावा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ये नेता सार्वजनिक मंचों से एक-दूसरे के खिलाफ जहर उगलते हैं लेकिन निजी समारोहों में एक-दूसरे को गले लगाते हैं, जिससे उनके पाखंड का पर्दाफाश होता है। उन्होंने कहा कि गांवों में लोग राजनीतिक मतभेदों के कारण एक-दूसरे से लड़ते रहते हैं, जबकि राजनीतिक नेता एक-दूसरे के निजी उत्सवों में शामिल होते हैं।

मुख्यमंत्री ने दोहराया कि सभी भर्तियां पूरी तरह से योग्यता के आधार पर की गई हैं, जिसमें उम्मीदवारों ने प्रतियोगी परीक्षाएं पास की हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का मुख्य एजेंडा युवाओं को शासन में शामिल करके उन्हें सशक्त बनाना है, ताकि वे राज्य और देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में विशेष योगदान दे सकें। भगवंत सिंह मान ने नए उम्मीदवारों से मिशनरी उत्साह के साथ लोगों की सेवा करने की अपील की और उन्हें सरकार का अभिन्न अंग बताया।
सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही
मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि नव-नियुक्त उम्मीदवार अपने पदों का उपयोग गरीबों की मदद करने और सार्वजनिक भलाई में योगदान देने के लिए करेंगे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि जिस तरह हवाई अड्डे का रनवे विमान को उड़ान भरने में मदद करता है, उसी तरह राज्य सरकार युवाओं को रोजगार के योग्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है और उनकी इच्छाओं को पूरा करने के लिए हर संभव मदद कर रही है। उन्होंने युवाओं को अपनी पहचान बनाने और समाज में अपनी छाप छोड़ने के लिए प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया।
मुख्यमंत्री ने उम्मीदवारों से जमीन से जुड़े रहने और कड़ी मेहनत में विश्वास रखने की अपील करते हुए कहा कि यही सफलता की असली कुंजी है। उन्होंने उम्मीदवारों से पंजाब में रहने और राज्य द्वारा पेश किए जाने वाले व्यापक अवसरों की खोज करने की अपील की। युवा सशक्तीकरण के लिए एक बड़े प्रयास के रूप में भगवंत सिंह मान ने पंजाब भर में यूपीएससी कोचिंग सेंटरों की स्थापना की घोषणा की।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन केंद्रों में पुस्तकालय, हॉस्टल और अन्य आवश्यक सुविधाएं होंगी ताकि राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाली ट्रेनिंग प्रदान की जा सके। भगवंत सिंह मान ने जोर देकर कहा कि ये पहल यह सुनिश्चित करेंगी कि पंजाब के युवा राष्ट्रीय स्तर पर सफलता प्राप्त करने के लिए अच्छी तरह से तैयार हों। उन्होंने सत्ता में आने वाली राजनीतिक पार्टियों की हर पांच साल बाद राज्य को लूटने के लिए ‘उत्तर काटो, मैं चढ़ां’ की रणनीति बनाने की भी आलोचना की।
कर्मचारी सम्मान के साथ अपना जीवन यापन कर सकें
सीएम भगवंत सिंह मान ने कहा कि लोगों ने अब उनकी सरकार को सेवा करने के लिए चुना है और वे जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि विपक्षी नेता उनकी सरकार की जन-हितैषी नीतियों से ईर्ष्या करके रोजाना उनकी आलोचना करते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है कि प्रत्येक कर्मचारी को सम्मानजनक वेतन मिले, जिससे वे सम्मान के साथ अपना जीवन यापन कर सकें।
आर्थिक विकास और जन कल्याण
मुख्यमंत्री ने दुख जताया कि पहले कुछ शिक्षकों ने 6,000 रुपए से भी कम वेतन पर नौकरी की थी, जो मनरेगा योजना के तहत दी जाने वाली राशि से भी कम थी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार सरकारी कर्मचारियों को उचित मुआवजा प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, ताकि वे अपने परिवारों का सही ढंग से पालन-पोषण कर सकें। पिछली सरकारों के विपरीत, जो अक्सर खाली खजाने की शिकायत करती थी, राज्य प्रशासन आर्थिक विकास और जन कल्याण को आगे बढ़ाने के लिए सार्वजनिक धन का उपयोग कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि हमने या हमारे किसी भी मंत्री ने कभी यह दावा नहीं किया कि खजाना खाली है। उन्होंने आगे कहा कि अब राज्य के विकास के लिए एक-एक पैसा उपयोग किया जा रहा है। अंत में, उन्होंने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री जिस तरह की बयानबाजी दोहराते रहते थे, उससे राज्य के विकास में काफी बाधाएं आईं।
यह भी पढ़ें : पंजाब बाल अधिकार आयोग ने सोशल मीडिया पर अश्लीलता फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के दिए आदेश
Hindi Khabar App: देश, राजनीति, टेक, बॉलीवुड, राष्ट्र, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल, ऑटो से जुड़ी ख़बरों को मोबाइल पर पढ़ने के लिए हमारे ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कीजिए. हिन्दी ख़बर ऐप