‘केरल’ का नाम बदलकर ‘केरलम’ करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से विधानसभा में पारित, अब केंद्र को करना है फैसला

Share

आज केरल की विधानसभा ने एक अनोखा  प्रस्ताव पारित किया है। प्रस्ताव केरल राज्य के नाम को बदलने का है। बुधवार (9 अगस्त) को केरल विधानसभा ने राज्य का नाम आधिकारिक रूप से बदलकर ‘केरलम’ करने का केंद्र से आग्रह करने संबंधी प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया है। विधानसभा में ये प्रस्ताव मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने पेश किया, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार से भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं में राज्य का नाम बदलकर ‘केरलम’ करने का आग्रह किया है।

इस प्रस्ताव को सभी दलों को समर्थन प्राप्त हुआ है, कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी यूडीएफ ने किसी संशोधन या बदलाव का सुझाव दिए बगैर इस प्रस्ताव को स्वीकार किया और समर्थन किया है। 

केरल विधानसभा के स्पीकर एएन शमसीर ने हाथ उठाकर दिए गए समर्थन के आधार पर इस प्रस्ताव को विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव घोषित किया। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने प्रस्ताव पेश करते हुए विधानसभा में कहा कि राज्य को मलयालम में ‘केरलम’ कहा जाता है, लेकिन अन्य भाषाओं में यह अब भी केरल ही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम के समय से ही मलयालम भाषी समुदायों के लिए एकजुट केरल बनाने की आवश्यकता मजबूती से उभरी है। 

मुख्यमंत्री विजयन ने कहा ‘‘लेकिन संविधान की पहली अनुसूची में हमारे राज्य का नाम केरल लिखा हुआ है। यह विधानसभा केंद्र सरकार से सर्वसम्मति से अनुरोध करती है कि वह संविधान के अनुच्छेद तीन के तहत इसे संशोधित करके ‘केरलम’ करने के लिए तत्काल कदम उठाए और संविधान की आठवीं अनुसूची में उल्लिखित सभी भाषाओं में इसका नाम बदलकर ‘केरलम’ करे।’’ अब राज्य का नाम बदलकर ‘केरलम’ करना है या नहीं ये फैसला केंद्र सरकार को करना है।

ये भी पढ़ें : अमेरिका को पसंद आया भारत का आम, अब परीक्षण के तौर पर अनार का स्वाद चखेंगे अमेरिकी