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पुरानी पेंशन पर 10 दिसंबर को रामलीला मैदान में होगी ‘पेंशन जयघोष महारैली’

New Delhi : पुरानी पेंशन की मांग पर केंद्र सरकार और राज्यों के सरकारी कर्मचारी लामबंद हो रहे हैं। दिल्ली का रामलीला मैदान “पुरानी पेंशन” के लिए सरकारी कर्मियों की लड़ाई का गवाह बन रहा है। अभी तक, इस मैदान पर 3 रैलियां हो चुकी हैं। अब, 10 दिसंबर को नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम, भारत के बैनर तले निर्णायक ‘पेंशन जयघोष महारैली’ आयोजित होगी।

अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की जाएगी  

ऑल इंडिया एनपीएस एंप्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजीत पटेल का कहना है कि पेंशन जयघोष महारैली एक निर्णायक रैली होगी। अगर उस समय तक केंद्र सरकार, पुरानी पेंशन बहाल नहीं करती है, तो उस रैली में अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की जाएगी।

पुरानी पेंशन लागू नहीं होती है, तो खामियाजा भुगतना पड़ेगा

दिल्ली के रामलीला मैदान में 10 अगस्त को केंद्र के कर्मियों की पहली रैली हुई थी। इसमें कई राज्यों के कर्मचारी संगठनों ने भी शिरकत की थी। ओपीएस के लिए गठित नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन की संचालन समिति के राष्ट्रीय संयोजक एवं स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद जेसीएम के सचिव शिवगोपाल मिश्रा ने रैली में कहा था कि लोकसभा चुनाव से पहले पुरानी पेंशन लागू नहीं होती है, तो भाजपा को उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

पुरानी पेंशन कर्मियों का अधिकार है

कर्मियों, पेंशनरों और उनके रिश्तेदारों को मिलाकर यह संख्या 10 करोड़ के पार चली जाती है। चुनाव में बड़ा उलट-फेर करने के लिए यह संख्या निर्णायक है। इसके बाद 1 अक्टूबर को रामलीला मैदान में ही पेंशन शंखनाद महारैली आयोजित की गई। इसका आयोजन नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के बैनर तले हुआ था। एनएमओपीएस के अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा था कि पुरानी पेंशन कर्मियों का अधिकार है। वे इसे लेकर ही रहेंगे। दोनों ही रैलियों में केंद्र एवं राज्य सरकारों के लाखों कर्मियों ने भाग लिया था।

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