
New Delhi : आगामी लोकसभा चुनाव से पहले ईवीएम और वीवीपैट पर प्रश्न खड़ा करने वालों को केंद्रीय संस्कृति एवं विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने करारा जवाब दिया और कहा कि जिन लोगों ने सदैव बूथ कैप्चरिंग करने का कार्य किया है, उन्हें ही ईवीएम से खतरा दिखता है। चुनावों में हार के बाद वह ईवीएम पर ही हमला बोलते है। जबकि, ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित और प्रामाणिक व्यवस्था है। इनमें जिसके नाम के सामने वाली बटन दबायी जाती है, वोट उसी को मिलता है।
लोकतंत्र की जननी के नाम से एक झांकी निकाली जाएगी
मीनाक्षी लेखी ने नई दिल्ली (New Delhi) गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर लोकतंत्र की जननी के नाम से निकलने वाली झांकी में बूथ कैप्चरिंग की घटनाओं को अनिवार्य रूप से शामिल करने का सुझाव दिया। ताकि देश की नई पीढ़ी जान सकें पहले कैसे चुनाव कराए जाते थे। केंद्रीय मंत्री ने यह सुझाव उस समय दिया जब वह संस्कृति मंत्रालय के अपने अधिकारियों के साथ गणतंत्र दिवस के मौके पर मंत्रालय की तरफ से निकाली जाने वाली झांकियों की जानकारी दे रही थी। इस दौरान मंत्रालय के अधिकारियों ने जैसे ही बताया कि परेड में इस बार लोकतंत्र की जननी के नाम से एक झांकी निकाली जा रही है। जिसमें भारत के लोकतंत्र को लेकर प्राचीन जुड़ाव के साथ आजादी के बाद लोकतंत्र को मजबूती देने के लिए उठाए गए कदमों को थ्री-डी तकनीक के जरिए प्रस्तुत किया जाएगा।
मीनाक्षी लेखी ने क्या कहा?
इसमें बैलेट पेपर से ईवीएम तक की यात्रा के बारे में प्रस्तुति देने की जैसे ही जानकारी दी गई है, केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि इनमें बूथ कैप्चरिंग की हिस्सा जरूर जोड़िएगा। क्योंकि, ईवीएम को बूथ कैपचरिंग रोकने के लिए विकल्प के तौर पर लाया गया था।
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