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अग्नाशयः शरीर का छोटा भाग पर बड़े काम का, रखें इसका ध्यान

Pancreas

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Pancreas: अग्नाशय आपके शरीर में पेट के पीछे स्थित एक ऐसा अंग जो आकार में तो छोटा होता है लेकिन काम बहुत बड़े करता है। यह आपके भोजन को पचाने के लिए आपके शरीर में जरूरी एंजाइम रिलीज करता है। शरीर के ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है। लेकिन इंजन रूपी शरीर का यह छोटा सा कलपुर्जा अगर बिगड़ जाए तो परेशानी बहुत बड़ी हो सकती है। अग्नाशय को अंग्रेजी में पैनक्रियाज़ कहते हैं और इसमें होने वाली बीमारी को पैंक्रियाटाइटिस।   

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क्या होती है पैंक्रियाटाइटिस

दरअसल जब हमारे अग्नाशय पर सूजन आ जाती है और जब यह सूजन उसे लगातार खराब करने का कारण बन जाती है तो शरीर के इस हिस्से को नियमित क्षति होती है जिसे पैंक्रियाटाइटिस कहते हैं। यह दो प्रकार की होती है

एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस

क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस

एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस में अग्नाशय पर सूजन अपेक्षाकृत काफी कम होती है। इससे पीड़ित व्यक्ति उपचार के सात दिनों में बेहतर महसूस करने लगता है। उपचार से उसे इस बीमारी से जुड़ी गंभीर समस्याओं का अनुभव नहीं होता है। वहीं पांच में से एक मामला गंभीर हो सकता है। जिसमें शरीर के कुछ अंगों का काम न करना भी शामिल है।

Pancreas: क्यों होती है एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस

मान्यता है कि एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस का मुख्य कारण एंजाइम्स के साथ समस्या होने पर होती है। ऐसी स्थिति में ये एंजाइम्स अंग को ही पचाना शुरू कर देते हैं। गॉलब्लेडर स्टोन भी इस बीमारी का एक प्रमुख कारण हैं ऐसा तब होता है जब मरीज के गॉलब्लेडर से निकलकर कोई पथरी अग्नाशय के मार्ग को अवरुद्ध कर देते हैं ऐसी स्थिति में अग्नाशय से पाचक एन्जाइम रिलीज नहीं हो पाते और वह अग्नाशय को पचाना शुरू कर देते हैं। यह परेशानी सामान्यत महिलाओं को ज्यादा होती है। इसमें अधिक मात्रा में भोजन करने पर दर्द बढ़ता है। पीड़ित व्यक्ति को अपच गैस आदि समस्याएं महसूस होने लगती हैं।

Pancreas: शराब का सेवन भी हानिकारक

शराब का अत्याधिक सेवन भी इस बीमारी का एक कारण हो सकता है। शराब ज्यादा पीने के 6 से 12 घंटे में यह दर्द होने लगता है। एक अध्ययन के अनुसार अध्याधिक शराब पीना पैनक्रियाज के कामकाज में हस्तक्षेप करता है इससे एंजाइम्स भोजन को पचाने की जगह पेनक्रियाज को ही पचाना शुरू कर देते हैं। वहीं एक्यूट पैनक्रियाटाइटिस का एक अन्य रीजन स्यूडोसिस्ट तरल पदार्थ की एक थैली होती है। ये जो अग्नाश्य की सतह पर बनती है। हालांकि यह कई बार स्वत ही सही हो जाता है लेकिन जब ये बढ़ जाए तो इसका उपचार जरूरी है। क्योंकि तब इसके फटने और खून में संक्रमण होने का खतरा रहता है।

Pancreas: हफ्तेभर में मरीज महसूस करता है बेहतर

एक्यूट पैनक्रियाटाइटिस का कोई विशिष्ट उपचार तो नहीं है लेकिन हफ्ते भर में इलाज के बाद मरीज बेहतर महसूस करने लगता है। कुछ केस में मरीज को अधिक समय भी लग सकता है।इस बीमारी की एक्यूट स्थिति में मरीज को हल्का खाना खाने और ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ लेने की सलाह दी जाती है। इस दौरान आपको आईवी फ्ल्यूड और  ट्यूब के माध्यम से ऑक्सीजन दी जा सकती है।

बीमारी होने की अन्य वजह

  • ERCP नामक एक प्रकार की सर्जरी के दौरान होने वाली अग्न्याशय की आकस्मिक क्षति पैक्रियाटाइटिस का कारण हो सकती है। वहीं कुछ प्रकार की एंटीबायोटिक्स दवाएं और कीमोथेरैपी दवाएं भी कभी कभी इस बीमारी को बुलावा देती हैं।
  • 70 वर्ष या उससे अधिक आयु का होना
  • बॉडी मास इंडेक्स 30 या उससे अधिक हो तो
  • धूम्रपान
  • वहीं विशिष्ट आनुवांशिक उत्परिवर्तन वाले कुछ लोगों का भी इस बीमारी पीड़ित होने का खतरा बना रहता है।
  • लाइपेज (lipase) और एमाइलेज (amylase) का ज्यादा मात्रा होना।

लक्षण

उल्टी आना

पेट के ऊपरी भाग में असहनीय दर्द होना

जी मिचलाना

दर्द पेट से बढ़कर पीठ तक पहुंचना

कुछ खाने के बाद थोड़ी राहत महसूस करना

आगे झुकने या गेंद की तरह गोल होकर लेटने पर दर्द से आराम मिलना

दस्त(diarrhea)

भूख में कमी (loss of appetite)

उच्च तापमान (बुखार) 38°C (100.4°F) या ज्यादा

जांच के तरीके

  • सीटी स्कैन
  • ड्रीडी अल्ट्रासाउंड
  • लाइपेज और एमाइलेज की जांच
  • अन्य ब्लड संबंधी जांचे
  • एंडोस्कोपी
  • एमआरआई
  • ईआरसीपी

शुरुआती चरणों में यह निर्धारित करना बहुत मुश्किल होता है की किसी व्यक्ति को एक्यूट पैनक्रियाटाइटिस है और किसे क्रोनिक

क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस क्या है?

क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस आपके अग्नाशय में होने वाली एक ऐसी सूजन है जो उसके विनाश का ही कारण बन जाती है। इस दौरान मरीज के अग्नाशय में पथरी और अल्सर हो जाता है। इससे पाचन रस प्रवाहित नहीं हो पाता और बॉडी का शुगर लेवल भी अनियंत्रित हो जाता है।

Pancreas: कैसे पहचाने

इस बीमारी में आपको मल त्याग के समय मल के साथ प्रोटीन का रिसाव होने लगता है। मल त्याग करने वाले स्थान पर पीले धब्बे और मल में अलग से तैलीय पदार्थ आने लगता है। मल के धब्बों को हटाना मुश्किल होता है। पेट के ऊपरी भाग में उठने वाला दर्द कई घंटो वहीं कुछ केस में कुछ दिनों तक रहता है। यह दर्द इतना भयंकर होता है कि मरीज को हास्पीटलाइज होना पड़ता है। हाई पैनकिलर से ही इस दर्द में आराम मिलता है। शरीर का वजन तेजी से घटने लगता है। बीमारी के साथ दर्द बढ़ता है। बसायुक्त मल को बहाना भी सहज नहीं होता। मल के साथ पोषक तत्व निकलने से शरीर कुपोषण का शिकार हो जाता है। अत्याधिक कमजोरी महसूस होती है। बीमारी बढ़ने पर पीलिया और आदि रोगों से संक्रमित होने का खतरा भी निरतंर बना रहता है। ऐसे में शीघ्र ही डाक्टरी सलाह आवश्यक है।

कारण

  1. शराब का सेवन
  2. अधिक मात्रा में निकोटीन लेना
  3. वंशानुगत कारण
  4. आहार में पोषण का असंतुलन
  5. अग्नाशय का छोटा या अवरुद्ध होना
  6. इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी, जैसे आपका शरीरी गलती से आपकी कोशिकाओं और ऊतकों पर ही हमला कर दे।

शुगर लेवल भी होता है प्रभावित

यह एक ऐसी बीमारी है जिसका स्थायी निदान काफी मुश्किल है। जैसे जैसे यह बीमारी बढ़ती है तो अग्नाशय में भी गंभीर परिवर्तन होने लगते हैं। वहीं इसकी वजह से शुगर लेवल भी अचानक घट या बढ़ जाता है। लंबे समय तक यह बीमारी गंभीर रूप लेती रहे तो इससे अग्नाशय का कैंसर होने का खतरा भी बना रहता है। नियमित डाक्टरी सलाह से ही इस बीमारी पर कंट्रोल किया जा सकता है।

Pancreas: एंडोस्कोपिक चिकित्सा महत्वपूर्ण

हाल के वर्षों में एंडोस्कोपिक चिकित्सा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। एंडोस्कोपिक स्टेंटिंग,  अग्नाशयी नलिकाओं को साफ़ करना, ईएसडब्ल्यूएल तकनीक का उपयोग करके उन्हें साफ़ करने से पहले पत्थरों को तोड़ना आदि इस बीमारी के निदान में शामिल है। इसके अलावा सर्जरी और अन्य चिकित्सा भी इस रोग के निदान का हिस्सा हैं। सर्जरी के बाद कई रोगियों को दर्द से राहत मिलती है। इस बीमारी में मरीज को इंसुलिन या शुगर नियंत्रित करने के लिए दवाएं, हाईएंजाइम्स और एंटीऑक्सीडेंट के साथ-साथ पैन किलर आदि डाक्टरी सलाह के अनुसार दिए जाते हैं।

Pancreas: क्या खाएं और कौन से व्यायाम करें

इस बीमारी में ब्लड टेस्ट शुगर लेवल जानने और शरीर में अन्य विकार संबंधी निगरानी के लिए किए जाते हैं। मरीज को इस बीमारी में हल्का भोजन करना चाहिए। चिकनाईयुक्त पदार्थों और जंक फूड नहीं खाना चाहिए। शुगर लेवल के अनुसार ही मीठा आदि प्रयोग करना चाहिए। चलना, जॉगिंग, साइकिलिंग, मंढूक आसन, योग प्राणायम, ध्यान इस बीमारी के मरीजों के लिए लाभकारी हैं।

डिस्क्लेमर- यह पैनक्रियाटाइटिस पर एक सामान्य जानकारी है। हम किसी भी तरह की दवा या उपचार का दावा नहीं करते। इस बीमारी में डाक्टरी सलाह आवश्यक है।

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