दिल्ली: वामपंथी उग्रवाद पर हुई समीक्षा बैठक, गृह मंत्री की एक्शन प्लान पर चर्चा
Home Minister Amit Shah Chaired Meeting: केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह आज दिल्ली के विज्ञान भवन में वामपंथी उग्रवाद पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्य बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, झारखंड, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और केरल राज्यों के प्रतिनिधि भी हिस्सा लिया। इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के आला अधिकारी, केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। बैठक के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दो साल में वामपंथी उग्रवाद पूरी तरह खत्म हो जाएगा। पिछले 4 दशकों में वामपंथी उग्रवाद क्षेत्रों में सबसे कम हिंसा और मौतें साल 2022 में दर्ज की गईं हैं।
वामपंथी उग्रवाद खत्म करने का है मिशन
एक निश्चित समय अंतराल पर होने वाली गृह मंत्रालय की इस बैठक का प्रथम उद्देश्य वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों में विकास और इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा कर उग्रवाद का खात्मा करना है। गृह मंत्रालय ने वामपंथी उग्रवाद के खतरे से निपटने के लिए साल 2015 में एक ‘राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना’ नामक पॉलिसी बनाई थी। इसके तहत हिंसा के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने की बात कही गई है। इसके साथ ही आर्थिक गतिविधियों को मजबूत करना और विकास की ओर अग्रसर होने की बात है ताकि विकास का फायदा उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में गरीबों और कमजोर लोगों तक पहुंच सके।
उग्रवाद से निपटने का केंद्र का ब्लूप्रिंट
वामपंथी उग्रवाद कई दशकों से देश के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। राज्य सरकार समेत केंद्र सरकार संयुक्त रूप से इससे निपटने के लिए साथ काम करने का फैसला किया है। इसी को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साल 2015 में एक राष्ट्रीय नीति कार्य योजना शुरू की थी। इसके बाद से प्रभावित राज्यों की परिस्थिती की कड़ाई से निगरानी की जा रही है। विकास कार्यों पर ध्यान दिया जा रहा है। इस नीति के तहत, गृह मंत्रालय सीएपीएफ बटालियनों की तैनाती, हेलीकॉप्टर और यूएवी और इंडिया रिजर्व बटालियन और विशेष इंडिया रिजर्व बटालियन जैसी सुविधाएं देकर राज्यों को उग्रवाद से लड़ने में मदद कर रहा है।
ये भी पढ़ें- दिल्ली: चुनावी वादे पर हम नियंत्रण नहीं कर सकते हैं, CJI की टिप्पणी