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चांद के बाद सूरज पर लहराएगा भारत का परचम, Aditya-L1 मंजिल के करीब, शाम 4 बजे पहुंचेगा लैग्रेंज प्वाइंट पर

Aditya-L1 to land on Sun Today: ISRO के लिए आज बड़ा दिन है। Aaditya-L1 अपने मंजिल के करीब पहुंचने से कुछ ही दूरी पर है। Aaditya-L1 आज (06.01.24) शाम 4 बजे लैग्रेंजियन प्वाइंट -1 (एल1) पर पहुंच जाएगा। इसमें लगे 7 पेलोड सूरज से निकलने वाली किरणों का अध्ययन करेंगे।

आज सूर्य से होगी Aditya-L1 की मुलाकात!

126 दिनों में 15 लाख Km का सफर तय करने के बाद Aditya-L1  अपनी मंजिल पर पहुंच जाएगा। शाम 4 बजे इसके हेलो ऑर्बिट में पहुंचने की उम्मीद है। यहां Aditya-L1  2 वर्षों तक सूर्य का अध्ययन करेगा और महत्वपूर्ण जानकारी जुटाएगा। ISRO ने सूर्य अध्ययन के मिशन को 2 सितंबर को लॉन्च किया था।

क्या है हेलो आर्बिट?

एल-1 प्वाइंट के आसपास के क्षेत्र को हेलो ऑर्बिट के रूप में जाना जाता है, जो सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के बीच मौजूद पांच स्थानों में से एक है। यहां दोनों पिंडों के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव के बीच साम्यता है। आसान भाषा में बताएं, तो यह वो स्थान हैं, जहां दोनों पिंडों की गुरुत्व शक्ति एक दूसरे के प्रति संतुलन बनाती है। पृथ्वी और सूर्य के बीच इन पांच स्थानों पर स्थिरता मिलती है,जिससे यहां मौजूद वस्तु सूर्य या पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में नहीं फंसती है।

2 सितंबर को लॉन्च हुआ था मिशन

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 2 सितंबर को देश का पहला सूर्य मिशन आदित्य एल-1 (Aditya-L1) लॉन्च किया था। इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था। आदित्य यान को पीएसएलवी-सी 57 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया गया। आज यह 4 महीने का सफर पूरा करते हुए L1 पॉइंट तक पहुंचेगा।

Aditya-L1 ने कुल 4 बार किए ऑर्बिट चेंज

Aditya-L1 के 156 लाख Km के सफर में कुल 4 बार ऑर्बिट चेंज हुए। पहली बार इसरो के वैज्ञानिकों ने 3 सितंबर को आदित्य L1 की ऑर्बिट बढ़ाई थी।इसके बाद 5 सितंबर को रात सुबह 2:45 बजे स्पेसक्राफ्ट की आर्बिट बढ़ाई गई। जिसके बाद इसकी धरती से सबसे ज्यादा दूरी 40,225 Km हो गई। 5 सितंबर के बाद 10 सितंबर को रात  2.30 बजे ISRO ने तीसरी बार Aditya-L1 की की ऑर्बिट बढ़ाई। इसके बाद स्पेसक्राफ्ट धरती से 1,767 Km दूर हो गया था। इसरो ने 15 सितंबर को चौथी और आखिरी बार रात करीब 2:15 बजे आदित्य L1 की ऑर्बिट बढ़ाई थी। उसकी पृथ्वी से सबसे कम दूरी 256 Km, जबकि सबसे ज्यादा दूरी 1,21,973 Km हो गई थी। करीब 4 महिने के इंतजार के बाद आखिरकार Aditya-L1 अपनी मंजिल पर पहुंचेगा।

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