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मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट) को UAPA के तहत सरकार ने किया बैन

जम्मू-कश्मीर में सक्रिय मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट) यानी MLJK (एमए) को केंद्र सरकार ने ग़ैरक़ानूनी संगठन घोषित कर दिया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि ग़ैरक़ानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) क़ानून यानी यूएपीए के तहत यह क़दम उठाया गया है.

अमित शाह ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, “यूएपीए के तहत ‘मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट)’ को एक ‘गैरकानूनी संगठन’ घोषित किया गया है.”

उन्होंने लिखा, “इस संगठन और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में लिप्त हैं, आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते हैं.”

एकता अखंडता के खिलाफ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा

अमित शाह ने कहा है, “पीएम नरेंद्र मोदी सरकार का संदेश ज़ोरदार और साफ़ है कि हमारे राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता के ख़िलाफ़ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख़्शा नहीं जाएगा और उसे क़ानून के दंड का सामना करना पड़ेगा.”

मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट) के संस्थापक मसरत आलम हैं. 52 साल के मसरत आलम इस संगठन का अध्यक्ष होने के साथ सैयद अली शाह गिलानी के निधन के बाद ऑल पार्टीज़ हुर्रियत कॉन्फ्रेन्स (गिलानी गुट) के भी अंतरिम अध्यक्ष हैं. वे जम्मू और कश्मीर के अलगवादी नेता हैं.

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