
केंद्र की सतारुढ़ बीजेपी के खिलाफ 2024 के लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाने के लिए तमाम विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं। तो वहीं पटना में विपक्षी दलों की बैठक होने वाली है जिस पर अब BSP सुप्रीमो मायावती ने तंज कसा और कहा यह मीटिंग ‘दिल मिले न मिले हांथ मिलाते रहिए’ की कहावत को ज्यादा चरितार्थ करता है।
जहां एक तरफ बीएसपी सुप्रीमो में विपक्ष की एकजुटता पर तंज कसा तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी कांग्रेस को आढ़े हाथों लिया और इन दलों में समतामूलक संविधान को सही से लागू करने की क्षमता नहीं है।
मायावती ने ट्वीट कर लिखा- महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ापन, अशिक्षा, जातीय द्वेष, धार्मिक उन्माद/हिंसा आदि से ग्रस्त देश में बहुजन के त्रस्त हालात से स्पष्ट है कि परमपूज्य बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के मानवतावादी समतामूलक संविधान को सही से लागू करने की क्षमता कांग्रेस, बीजेपी जैसी पार्टियों के पास नही है।
दिल मिले न मिले हाथ मिलाते रहिए
उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में विपक्षी दलों पर तंज कसा और कहा-‘अब लोकसभा आम चुनाव के पूर्व विपक्षी पार्टियां जिन मुद्दों को मिलकर उठा रही हैं और ऐसे में नीतीश कुमार द्वारा कल 23 जून की विपक्षी नेताओं की पटना बैठक ‘दिल मिले न मिले हाथ मिलाते रहिए’ की कहावत को ज्यादा चरितार्थ करता है।
‘मुंह में राम बग़ल में छुरी’ कब तक चलेगा
मायावती ने कहा-‘वैसे अगले लोकसभा चुनाव की तैयारी को ध्यान में रखकर इस प्रकार के प्रयास से पहले अगर ये पार्टियां, जनता में उनके प्रति आम विश्वास जगाने की गरज से, अपने गिरेबान में झांककर अपनी नीयत को थोड़ा पाक-साफ कर लेतीं तो बेहतर होता। ‘मुंह में राम बग़ल में छुरी’ आख़िर कब तक चलेगा?
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